अहमदाबाद (एजेंसी/वार्ता): मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना में भूमि अधिग्रहण का कुल 98.68 फीसदी काम पूरा हो चुका है। एमएएचएसआर परियोजना की ओर से बुधवार को यहां जारी एक बयान में बताया गया है कि गुजरात में 98.87 फीसदी, डीएनएच में 100 फीसदी और महाराष्ट्र में 98.22 फीसदी कुल 98.68 फीसदी भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है।
कॉरिडोर की कुल लंबाई 508 किमी है जिसमें गुजरात 348 किमी, डीएनएच चार किमी और महाराष्ट्र 156 किमी है। इसमें स्टेशनों की कुल संख्या 12 में से गुजरात के आठ: वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद/नडियाड, अहमदाबाद और साबरमती तथा महाराष्ट्र के चार: मुंबई (बीकेसी), ठाणे, विरार और बोईसर हैं। गुजरात में निविदा की स्थिति: गुजरात, दादरा और नगर हवेली – वायाडक्ट, पुलों, स्टेशनों और ट्रैक के निर्माण हेतु पूरे संरेखण यानी 352 किलोमीटर के लिए सिविल, ब्रिज और ट्रैक के लिए 100% अनुबंध सौंपे जा चुके है।
गुजरात में परियोजना की प्रगति: गुजरात के आठ जिलों और डीएनएच से गुजरने वाले संरेखण के साथ निर्माण कार्य पूरे जोर-शोर से शुरू हो गया है। आठ फुल स्पेन लॉन्चिंग गैन्ट्री, तीन ओवर-स्लंग सेगमेंटल गैन्ट्री और तीन अंडर-स्लंग सेगमेंटल गैन्ट्री क्रियाशील हैं। वापी से साबरमती तक आठ एचएसआर स्टेशनों पर निर्माण कार्य विभिन्न चरणों में हैं। 222 किमी की लंबाई में पाइल, 138 किमी से अधिक की नींव एवं 120 किमी के खंड पर पियर्स का निर्माण किया जा चुका है। विभिन्न स्थानों पर 17.32 किमी वायाडक्ट का निर्माण पूरा किया जा चुका है।
गर्डर कास्टिंग – 902 गर्डरों को 36.1 किमी से अधिक तक स्थापित किया जा चुका है। नर्मदा, ताप्ती, माही और साबरमती जैसी महत्वपूर्ण नदियों पर पुल का काम प्रगति पर है। वायडक्ट के निर्माण में तेजी लाने के लिए एनएचएसआरसीएल फुल स्पैन लॉन्चिंग मेथड अपना रहा है, जो कि सेगमेंटल इरेक्शन मेथड से सात गुना तेज है। एक गर्डर का वजन 970 मीट्रिक टन होता है और इसे बिना किसी निर्माण जोड़ के एक ही टुकड़े में ढाला जाता है। भारत में पहली बार फुल स्पैन लॉन्चिंग तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है और 25000 से अधिक कर्मियों का कार्यबल दिन-रात काम कर रहा है।
-एजेंसी/वार्ता
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