बच्चों और युवाओं के साथ साथ बुजुर्गों को भी अपने दिनचर्या में योग को शामिल करना चाहिए. हालांकि उन्हें उन योगों को ही अभ्यास करना फायदेमंद होता है जिसे वे बिना किसी स्ट्रेस के कर सकें. योगाभ्यास के दौरान उन्हें इस बात पर ध्यान देना बहुत ही जरूरी होता है कि वे अपनी क्षमता के अनुसार ही करें और धीमी गति से इसकी शुरुआत करें. इसके अलावा, योगाभ्यास से पहले प्राणायाम करना बहुत ही जरूरी होता है.
आप किसी भी तरह के प्राणायाम के साथ योगाभ्यास कर सकते हैं. मसलन, डीप ब्रीदिंग या शवासन आदि. ऐसा करने से आपका शरीर बेहतर तरीके से योग के फायदों को अपना सकेगा.
सबसे पहले अपने मैट पर पद्मासन, अर्ध पद्मासन या सुखासन किसी भी आसान में बैठ जाएं. अब दोनों हाथों को इंटरलॉक कर सिर के ऊपर उठाते हुए ले जाएं और पूरे शरीर को ऊपर की तरफ स्ट्रेच करें. अब 10 तक की गिनती तक इसी मुद्रा में रहें और हाथों को नीचे कर रिलैक्स करें. अब गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए ओम शब्द का उच्चारण करें. ध्यान की मुद्रा में कुछ देर रहें.
ताड़ासन का अभ्यास करने के लिए अपने मैट पर खड़े हो जाएं. अब हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक करें और शरीर का बैलेंस बनाते हुए हाथ को उठाएं. अपने शरीर को खींचकर ऊपर की तरफ स्ट्रेच करें और होल्ड करें. अब कुछ देर इसी मुद्रा में रहें और 20 की गिनती करें.
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