डायबिटीज मरीजों के लिए क्यों जरूरी है शुगर स्पाइकस टेस्ट,जानिए

खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से डायबिटीज तेजी से बढ़ रहा है. पहले 50 साल की उम्र के बाद ही डायबिटीज अपना शिकार बनाता था लेकिन अब 30 की उम्र में ही लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. अगर आप डायबिटीज को खुद से दूर रखना चाहते हैं तो लाइफस्टाइल को बेहतर बनाना सबसे ज्यादा जरूरी है. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को रोजाना अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करते रहना चाहिए. शुगर स्पाइकस टेस्ट भी आवश्यक है.

कब-कब करना चाहिए ब्लड शुगर टेस्ट
ब्लड में शुगर का लेवल ज्यादा समय तक बने रहने के चलते डायबिटीज की समस्या हो सकती है. इसलिए हर दो या तीन दिन के अंतराल पर स्पाइक्स टेस्ट भी करते रहना चाहिए. डॉक्टरों का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को खाने से पहले और दोपहर में लंच के बाद शुगर लेवल का टेस्ट जरूर करना चाहिए. अगर दोपहर खाने के बाद शुगर लेवल अधिक है तो इसका मतलब यह है कि आपको अपनी डाइट में बदलाव कर लेना चाहिए. ऐसी कंडीशन में डाइट में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले कार्ब का सेवन करना चाहिए. मोटा अनाज, हरी सब्जियां खाना ज्यादा फायदेमंद होता है.

एक्सरसाइज करेगी मदद
शुगर स्पाइक्स टेस्ट करने के बाद अगर शुगर का लेवल ज्यादा है तो आपको फिजिकल वर्क करना चाहिए. हर दिन एक्सरसाइज-वर्कआउट करें. आप घर या पार्क में ही हल्की एक्सरसाइज करें. योग और प्राणायाम काफी फायदेमंद होता है. इसके अलावा शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए रोजाना कम से कम 7-8 गिलास पानी पीएं.

दवाओं में देरी न करें
डायबिटीज पेशेंट को समय पर अपनी दवाईयां लेते रहना चाहिए. दवाओं को देर से सभी न लें. इसके साथ ही अपनी लाइफस्टाइल को दुरुस्त करें. सोने और जगने का समय तय करें. कम से कम 8 घंटे सोएं. नियमों का पालन कर आप ब्लड शुगर कंट्रोल कर सकते हैं.

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