जानिए क्या Diabetes के मरीजों के लिए शहद खाना फायदेमंद है

शहद के लंबे समय तक चलने का कारण ये होता है कि शुद्ध शहद में लगभग शून्य नमी होती है जिसके कारण इसमें बैक्टीरिया पनप नहीं पाते हैं और जीवित नहीं रह पाते हैं. शायद यही एक कारण है कि शहद लंबे समय तक खराब नहीं होता है. रिसर्च में यह भी खुलासा हुआ कि अगर शहद खराब हो रहा है तो यह उसमें किसी तरह की मिलावट के कारण हो सकता है. चीनी को मधुमेह रोगियों की सबसे बड़ी दुश्मन के रूप में देखा जाता है. इसी वजह से वे अपनी चाय या मिठाई को मीठा करने के लिए शहद, गुड़ जैसे ऑप्शन की तरफ रुख करते हैं. लेकिन क्या शहद सभी डायबिटीज मरीजों के लिए वाकई स्वस्थ हैं? इस लेख में आज हम आपको बताएंगे कि क्या शहद मधुमेह रोगियों के आहार में शामिल करने के लिए अच्छा है या फिर आप अपने साथ कुछ गलत कर रहे हैं.

क्या डायबिटीज मरीजों के लिए शहद वाकई में स्वस्थ है?
हमारे भोजन में मैक्रोन्यूट्रिएंट्स- कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन शामिल होते हैं. मधुमेह लोगों के खाने में कार्बोहाइड्रेट सबसे जरूरी होता है. अक्सर लोग सुनते हैं कि मधुमेह वाले लोगों के लिए सफेद चीनी की जगह शहद लेना एक अच्छा ऑप्शन है. डायबिटीज मरीजों को खानपान को लेकर काफी ध्यान रखना पड़ता है. एक्सपर्ट इस बीमारी में ग्लाइसिमेक इंडेक्स फूड का सेवन करने की सलाह देते हैं. डायबिटीज में खासतौर पर मीठा खाने के लिए मना किया जाता है, लेकिन फिर भी लोग मीठे के लिए काफी ऑप्शन ढूंढ लेते है और शहद का यूज करने लगते हैं. लेकिन चीनी के मुकाबले शहद ज्यादा फायदा करता है ऐसा कहा जाता है तो चलिए जानते हैं आखिर इस बात में कितनी सच्चाई हैं.

शहद और चीनी में से क्या बेहतर है
चीनी और शहद की तुलना में देखा जाए तो चीनी शहद से ज्यादा खतरनाकर है, क्योंकि चीनी में विटामिन्स या खनिज पदार्थ नहीं होते है. लेकिन इस बात का यह मतलब नहीं निकलता है कि शहद का सेवन करना ठीक होता है. 1 चम्मच की समान मात्रा में शहद में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सफेद चीनी से अधिक होती है. शहद के साथ लाभ यह है कि इसमें सफेद चीनी की तुलना में कम ग्लाइसेमिक होता है और आप मीठा खाने के लिए इसका कम मात्रा में उपयोग कर सकते हैं, शहद एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसलिए यह मधुमेह वाले लोगों के लिए मददगार हो सकता है. लोगों के लिए यह निगरानी रखना जरूरी है कि वे क्या खाते हैं और कितना खाते हैं. जब तक हमारे पास शहद पर सही रिपोर्ट नहीं आती, तब तक इसे कम मात्रा में यूज करना सबसे अच्छा है.

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