3D Rendering - Schmerz im Brustkorb - Herzanfall - Medizinische Illustration

जानें क्या है फ्लू और दिल की बीमारी का कनेक्शन

बदलता मौसम आपको बीमार बना सकता है. अक्सर लोग इसे काफी हल्के में लेते हैं. लेकिन मौसम में बदलाव से सावधान रहना चाहिए. खासकर फ्लू से..हाल ही में एक स्टडी में चेतावनी दी गई है कि फ्लू के चलते हार्ट अटैक का खतरा दो गुना तक ज्यादा बढ़ गया है. ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, ऐसा पॉसिबल है, क्योंकि कोरोना के दौरान भी आर्टरी में ब्लड क्लॉट्स देखने को मिले थे. उस वक्त भी हार्ट अटैक का जोखिम कई गुना तक बढ़ गया था. कुछ इसी तरह का खतरा फ्लू के साथ भी हो सकता है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि फ्लू का वायरल लगातार अपना रूप बदल रहा है, जिसका सेहत पर गंभीर असर हो रहा है.

क्या फ्लू से हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या फ्लू से हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा है. इसको लेकर किसी भी तरह का फैक्ट अभी सामने नहीं आ पाया है. इस पर रिसर्च अबी भी जारी है. रिसर्च टीम इस बात का पता लगा रही है कि क्या कोरोना से बढ़ने वाला हार्ट अटैक का रिस्क फ्लू में भी बना हुआ है. एक स्टडी में पाया गया है कि बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जिनमें फ्लू के बाद हार्ट अटैक आया है. कई लोग तो ऐसे भी हैं, जिनमें फ्लू के एक हफ्ते के बाद ही हार्ट अटैक आया था.
फ्लू की वजह से ब्लड क्लॉटिंग
फ्लू की वजह से ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना और फ्लू के वायरस में काफी समानता है. इनके लक्षण और बचाव का तरीका काफी हद तक एक जैसा ही है.

रिसर्च क्या कहता है
फ्लू और हार्ट अटैक के बीच कोई कनेक्शन है या नहीं, इसे जानने के लिए एक रिसर्च किया गया. जिसमें उन मरीजों को शामिल किया गया, जिन्हें दिल का दौरा पड़ने की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. लैब टेस्टिंग से आंकड़ें जुटाए गए. जिसके बाद रिसर्च टीम ने पाया कि कुल 401 लोगों को फ्लू से ठीक होने के एक साल के अंदर ही एक बार हार्ट अटैक जरूर आया. 25 हार्ट अटैक के केस तो ऐसे थे, जो सिर्फ एक हफ्ते में ही आ गए थे. इन नतीजों की वजह से रिसर्च टीम का मानना है कि फ्लू का बढ़ना एकदम कोरोना के बढ़ने जैसा ही है. ऐसे में इसके लक्षणों को इग्नोर करना खतरनाक हो सकता है.

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