भोजन में टेस्ट लाने वाली हरी मिर्च गुणों का खजाना है, इससे खाने का टेस्ट दोगुना हो ही जाता है, कई लोग तो ऐसे हैं जो मिर्ची के साथ नमक लगाकर ना खाएं तो उनका खाना ही अधूरा रहता है,मिर्ची का इस्तेमाल हर तरह के व्यंजन में होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये पतली सी दिखने वाली मिर्च अपने अंदर कितने बीमारियों का इलाज लेकर बैठी है,अगर आप इसके फायदे जान जाएंगे तो रोजाना साबुत इसे खाने को तैयार हो जाएंगे.
हरी मिर्च में विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन बी 6 होता है. इसके अलावा इसमें कैप्साइसिन , कैरोटीन, क्राप्टोक्सान्थिन, लुटेन और जेक्सैन्थिन जैसे एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो फेफड़ों और दिल की बीमारियों से बचाते हैं. इसमें मौजूद एमिनो एसिड, फोलिक एसिड और अस्कोर्बिक एसिड होते हैं जो डाइजेस्टिव एंजाइम को बढाते हैं और इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद करते हैं
हरी मिर्च में कैप्सियासिन पाया जाता है, यही वजह है कि जिन लोगों को बीपी की समस्या हो उन्हें हरी मिर्ची का जरूर सेवन करना चाहिए, क्योंकि मिर्ची में पाए जाने वाले कैप्सियासिन के संपर्क में आने पर ब्लड वेसल शांत हो जाती है. यह रिलैक्स महसूस करती है,इसके साथ ही इसका साइट्रिक एसिड खून को पतला करने का काम करता है जिससे हाई बीपी की समस्या कंट्रोल होती है.
हरी मिर्ची में विटामिन सी की अधिक मात्रा पाई जाती है, इस वजह से यह त्वचा को अधिक कॉलेजन का उत्पादन करने में मदद करता है. हरी मिर्ची त्वचा को हेल्दी और ग्लोइंग बनाने में मदद करती है, इसमें विटामिन ई भी होता है, यह त्वचा को बढ़ती उम्र से लड़ने और जवां त्वचा दिखाने में मदद करता है.
हरी मिर्ची में आयरन भरपूर मात्रा में होता है यह ब्लड सरकुलेशन में सुधार करता है जिन लोगों के शरीर में आयरन की कमी होती है, उन्हें थका हुआ महसूस होता है ऐसे लोगों को अपनी डाइट में हरी मिर्ची शामिल करनी चाहिए, इससे ब्लड सरकुलेशन होगा और आप एक्टिव महसूस करेंगे.
हरी मिर्ची में विटामिन ए जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आई साइट बढ़ाने में काफी मददगार है. यह बढ़ती उम्र के साथ कमजोर होती नजर से बचाने और मोतियाबिंद जैसी आंखों की बीमारियों के खतरे को कम करती है.
हरी मिर्ची में anti-inflammatory गुण पाए जाते हैं, जो दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकती है. गठिया और पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद हो जाता है. यह हड्डियों में सूजन और दर्द को कम करती है.जिससे ओस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों को राहत महसूस होता है.
हरी मिर्च में कैप्सियासिन नाम का एक कम्पाउंड पाया जाता है जो इसे तीखा बनाता है. मिर्च खाने से खून साफ होता है और नसों में खून का फ्लो तेजी से होता है.
हरी मिर्च एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है, हरी मिर्च में डाइटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं जिससे पाचन क्रिया सुचारू बनी रहती है.
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