जानिए, शुगर के मरीजों को यह चार फल जरूर खाना चाहिए, जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है सबसे कम

शुगर के मरीजों के लिए उचित आहार और फलों का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक माप है जो यह बताता है कि खाने के बाद शरीर में चीनी की स्तर में कितनी तेजी से वृद्धि होती है. मधुमेह के मरीजों के लिए कम GI वाले फल बेहतर होते हैं. GI का स्केल 0 से 100 तक है, जहां पूरी गन्ने की चीनी को 100 माना जाता है.

यहां चार फल बताए जा रहे हैं जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है.

सेब : सेब में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो शुगर को स्लोली रिलीज करने में मदद करता है. सेब का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो आमतौर पर 30-40 के बीच होता है. इसका मतलब है कि सेब धीरे-धीरे शुगर को रक्त में छोड़ता है, जिससे शरीर में शुगर का स्तर अचानक बढ़ने नहीं लगता.

बेर:  बेर में अंटिओक्सीडेंट्स, विटामिन और फाइबर होते हैं जो शुगर के स्तर को संतुलित रखने में मदद करते हैं. बैर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह समझा जाता है कि यह फल रक्त में शुगर की धीरे-धीरे वृद्धि करता है. बैर को खाने से रक्त में शुगर का स्तर अचानक नहीं बढ़ता है. जिससे इंसुलिन का संतुलित बना रहता है.बैर के कम GI की वजह से मधुमेह के मरीजों को इससे लाभ हो सकता है, चूंकि इससे रक्त में शुगर की अचानक वृद्धि को रोका जा सकता है.

चेरी : चेरी में भी अंटिओक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा होती है और इसका GI भी कम होता है. चेरी का GI कई स्रोतों के अनुसार 20 से 25 के बीच होता है, जो कि बहुत ही कम है.चेरी के कम GI के होने के कारण, इसे खाने से रक्त में शुगर का स्तर अचानक और तेजी से से रोकता है, जिससे मधुमेह के मरीजों के लिए अच्छा समझा जाता है कि यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है.

अमरूद : अमरूद में विटामिन C और फाइबर होते हैं, जो मधुमेह के मरीजों के लिए उपयुक्त होते हैं. अमरुद का ग्लाइसेमिक इंडेक्स आम तौर पर 30 से 33 के बीच होता है, जिसे मध्यम GI वाला फल माना जाता है. अमरूद में डायटरी फाइबर की उचित मात्रा होने के कारण रक्त में शुगर के स्तर में अचानक उछाल नहीं आता है.

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