कॉफी के शौकीनों लोगों के लिए आज हम एक नई और बिंदास कॉफी लेकर आए हैं. कैपेचीनो, कैफे लैट्टे, कैफे मोचा, आईरिश कॉफी, टर्किश कॉफी, कोल्ड कॉफी, हॉट कॉफी, ब्लैक कॉफी और न जाने कितनी ही काफियों के बारे में आपने सुना होगा. यहां तक कि इनके टेस्ट का भी मजा लिया होगा, लेकिन क्या आपने कभी व्हाइट कॉफी की चुस्कियां ली हैं? अगर नहीं तो आज हम आपको इस पॉपुलर कॉफी के बारे में बताएंगे, जिसकी इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. कई कॉफी प्रेमी अब व्हाइट कॉफी का रुख करने लगे हैं, क्योंकि ये न सिर्फ स्वाद में उत्तम है, बल्कि कई फायदों से भी भरपूर है.
व्हाइट कॉफी की कैसे हुई उत्पत्ति?
माना जाता है कि व्हाइट कॉफी की उत्पत्ति मलेशिया में हुई है. ये कॉफी सदियों से उनके खानपान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है. व्हाइट कॉफी हल्के भुने हुए अरेबिका बीन्स के इस्तेमाल से बनती है. अरेबिका बीन्स को 15 मिनट के लिए भुना जाता है, तब जाकर कॉफी बनाने के लिए पाउडर तैयार होता है.
व्हाइट कॉफी के फायदे
बाकी कॉफी की तरह ही व्हाइट कॉफी में भी कैफीन मौजूद होता है. अगर आप एनर्जी लेवल को बढ़ाना चाहते हैं तो व्हाइट कॉफी एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है. जैसा कि हम पहले बता चुके हैं कि व्हाइट कॉफी हल्के भुने हुए बीन्स से तैयार होती है इसलिए इसके एंटीऑक्सीडेंट प्रिजर्व रहते हैं. यही वजह है कि व्हाइट कॉफी में ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट होता है. एंटीऑक्सिडेंट सूजन को कम करने और सेल्स को डैमेज होने से बचाने में मदद करते हैं, जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं.
व्हाइट कॉफी कैसे बनाएं?
¼ कप हल्की भुनी हुई अरेबिका कॉफी बीन्स
एक कप पानी
बनाने की विधि:
भुने हुए अरेबिका कॉफी बीन्स को ग्राइंडर में अच्छे से पीस लें. ये ध्यान रहे कि व्हाइट कॉफी के लिए कॉफी बीन्स को पारंपरिक कॉफी की तुलना में थोड़ा सा दरदरा पीसाना है. इसे पीसने के बाद अब एक बर्तन में एक कप पानी लें और इसे अच्छे से उबाल दें. ग्राइंड कॉफी के ऊपर अब गर्म पानी डालें. फिर कॉफी को लगभग पांच मिनट तक पकने दें.
व्हाइट कॉफी के लिए ब्रूइंग का जो वक्त होता है, वो पारंपरिक कॉफी की तुलना में थोड़ा ज्यादा होता है. इसके पकने के बाद कॉफी फिल्टर का इस्तेमाल करके एक कप में कॉफी छान लें और पिएं. अगर आप चाहें तो इसमें दूध या चीनी भी डाल सकते हैं.
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