जानिए कैसे तुलसी लीव्स दिल-दिमाग और शरीर तीनों को हेल्दी रखती हैं

सर्दी के मौसम में ज्यादातर घरों में तुलसी का उपयोग हेल्दी रहने के लिए किया जाता है. सबसे ज्यादा चाय के अंदर तो कभी-कभी काढ़े के रूप में. तुलसी सिर्फ एक हर्ब नहीं है बल्कि इंडियन सोसायटी के लिए तुलसी आस्था का केंद्र भी है. हम सभी तुलसी के साथ एक इमोशनल अटैचमेंट रखते हैं.

साथ ही कोरोना वायरस से भी प्रोटेक्शन मिलेगा. अब एक बार फिर कोरोना के कारण दुनिया में दहशत का माहौल बना हुआ है क्योंकि चीन में कोरोना अपनी भयानक स्थिति में पहुंच चुका है. ऐसे में हम भारतवासियों को भी अपनी इम्युनिटी का ध्यान रखने की जरूरत है. क्योंकि हमारे देश में भी इस वायरस यानी बीएफ.7 के 4 केस रजिस्टर हो चुके हैं. जबकि 20 दिसंबर मंगलवार को कोरोना के कुल 11 नए केस रजिस्टर किए गए हैं.

तुलसी के फायदे क्या हैं?

तुलसी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इन्युनिटी बढ़ाती है.
तुलसी के सेवन से हीलिंग फास्ट होती है. यानी आपको कोई चोट लगी हो तो घाव जल्दी भरता है.
तुलसी में पेनकिलर प्रॉपर्टीज होती हैं, इसलिए तुलसी के सेवन से दर्द में राहत मिलती है.
तुलसी स्ट्रैस बस्टर के रूप में काम करती है.
तुलसी में ऐंटिबैक्टीरियल गुण होते हैं इसलिए ये सर्दी में मौसम बैक्टीरिया और वायरस से होने वाली बीमारियों से बचाव होता है.
तुलसी का तेल जुकाम और खांसी में बहुत लाभ देता है. आप इससे भाप ले सकते हैं या फिर हैंकी पर लगाकर इसे सूंघ सकते हैं. इससे बंद नाक और गले के दर्द में राहत मिलती है.
तुलसी का सेवन करने से ब्लड शुगर को बैलेंस करने में मदद मिलती है.
तुलसी के सेवन से पाचन बेहतर बनता है.
इन सबके साथ ही तुलसी ऐंटी-कैंसर गुणों से भरपूर होती है.
कैसे यूज करें तुलसी?

तुलसी की पत्तियों, ऑइल, सीड्स और पाउडर के रूप में यूज की जा सकती है.
लेकिन तुलसी को उगाना आसान है और ज्यादातर भारतीय घरों में तुलसी का पौधा होता है, इसलिए तुलसी की ताजा पत्तियों का उपयोग अधिक किया जाता है.
आप हर दिन तुलसी की चाय बनाकर इसका सेवन करें. दिन में कम से कम दो कप चाय का सेवन करें. एक सुबह के समय और दूसरी शाम के नाश्ते के समय पर.
यदि आपको दूध की चाय पीना पसंद नहीं है तो आप तुलसी को ब्लैक-टी में डालकर यूज कर सकते हैं.
खांसी-जुकाम-बुखार, सीने में जकड़न या बहुत अधिक ठंड लगने की स्थिति में आप तुलसी का काढ़ा बनाकर इसका सेवन करें.
खाना खाने के बाद यदि गले में किसी तरह की समस्या हो रही हो तो तुलसी की चाय की जगह तुलसी पत्ती को चबाकर खाएं.
भोजन के आधा घंटा बाद चाय पीने का मन हो तो बिना दूध की तुलसी चाय बनाकर पिएं.

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