जानिए कैसे पता लगाएं किडनी में स्टोन है या गॉलब्लैडर

किडनी स्टोन और गॉलब्लैडर स्टोन के लक्षण एक जैसे ही होते हैं. इसलिए कई लोगों को यह पता लगाने में काफी मुश्किल होती है कि ये लक्षण किडनी स्टोन के हैं या गॉलब्लैडर स्टोन के. दोनों ही बीमारियों में पेट में दर्द, उल्टी, मतली और बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. ये दोनों ही परेशानियां शरीर के लिए तरह-तरह की दिक्कतें पैदा करती हैं. गॉलब्लैडर के स्टोन का दर्द पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में महसूस होता है. जबकि किडनी स्टोन का दर्द पेट के दोनों तरफ महसूस हो सकता है.आइये पता लगाने का सही तरीका क्या है।

दरअसल, गॉलब्लैडर की पथरी कोलेस्ट्रॉल से बनती है. जबकि किडनी की पथरी कैल्शियम सॉल्ट से बनी होती है. जब शरीर पित्त में जरूरत से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल पैदा करता है, तो ये जाकर पित्ताशय की थैली यानी गॉलब्लैडर में जमा हो जाता है और पथरी का निर्माण करता है. दूसरी ओर जब शरीर किडनी में एक्सट्रा कैल्शियम जमा करता है तो ये धीरे-धीरे स्टोन बनने लगता है.

किडनी स्टोन और गॉलब्लैडर स्टोन में कुछ बातें एक जैसी हैं. ये दोनों समस्याएं तब होती हैं, जब शरीर में कुछ बहुत अधिक मात्रा में बन जाता है, जिसे तुरंत निकालने की जरूरत होती है. इन दोनों ही बीमारियों में पेट दर्द और उलटी आदि जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

पेट के ऊपरी दाएं कोने में ज्यादा दर्द
कंधे के ब्लेड के बीच में तेज दर्द
उल्टी आना या जी मिचलाना
खट्टी डकारे आना
इनडाइजेशन

पीठ दर्द, जो कमर तक फैल जाए
उल्टी आना या जी मिचलाना
तेज फीवर
पेशाब में खून आना
धुंधला पेशाब
किडनी खराब होना

एक्सपर्ट के मुताबिक, पित्त की पथरी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की जरूरत है, जिसमें एक्सरसाइज हो, हेल्दी फूड हो, हेल्दी वेट हो, फैट फ्री खाने से परहेज हो. शुरुआती पित्त की पथरी के लिए डॉक्टर आमतौर पर दवाई देते हैं, लेकिन अगर स्थिति बिगड़ गई है तो लैप्रोस्कोपिक सर्जरी का सुझाव दिया जाता है. किडनी स्टोन में ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है.

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