डायबिटीज के पेशेंट को मीठा खाना मना होता है, ऐसा करने से शुगर लेवल भी बढ़ सकता है और कॉम्प्लिकेशन भी बढ़ सकती है, लेकिन एक नई स्टडी से खुलासा हुआ है कि शहद डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को फायदेमंद है.
यह वाकई हैरान कर देने वाली स्टडी है. ‘कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो’ के शोधकर्ताओं के स्टडी में पता चला है कि शहद कार्डियोमेटाबॉलिक हेल्थ के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. कच्चा शहद फास्टिंग ग्लूकोस और हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है, इतना ही नहीं फैटी लिवर डिजीज से बचाने में भी शहद काफी फायदेमंद है. इस रिसर्च के शोधकर्ताओं का कहना है कि शहद को अगर चीनी या अन्य स्वीट्स की जगह डाइट में शामिल किया जाए तो इससे हेल्थ को काफी फायदे होंगे, खासतौर पर जिन लोगों की डाइट में 10% तक शुगर होती है उनके लिए कच्चा शहद बेहद फायदेमंद हो सकता है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि कच्चा शहद और मोनोफ्लोरल शहद सबसे ज्यादा कार्डियोमेटाबॉलिक फायदे देता है शहद में करीब 80% शुगर है इसके बावजूद यह हेल्दी फूड माना जा सकता है.शहद में प्रोटीन, ऑरगैनिक एसिड्स , दुर्लभ शर्करा और बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं जो इसे हेल्दी बनाते हैं
डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ मोहन के मुताबिक ये स्टडी एक तरह से बायस्ड है, क्योंकि यह स्टडी स्वस्थ लोगों की एक नॉन साउथ एशियन आबादी में किया गया है, जिन्हें शुगर बीपी या मोटापा नहीं था, लेकिन भारत में आधे से ज्यादा लोग या तो शुगर के रोगी हैं या उन्हें जीवन के किसी स्तर पर इसके होने का खतरा है. भारत में इसके इस्तेमाल को लेकर काफी सतर्क रहना होगा. इसके अलावा जिन लोगों पर यह स्टडी किया गया उनमें कार्बोहाइड्रेट कम था. शुगर से मिलने वाली 10 परसेंट से भी कम कैलोरी पाई गई. हालांकि भारत में कुल कैलरी का 60 से 70% कार्बोहाइड्रेट से ही आता है, अगर आप यह शहद किसी भी तरह से खाते हैं तो आपको डायबिटीज के खतरे बढ़ सकते हैं.
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