किडनी हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है, पुरे शरीर की गंदगी साफ करने की जिम्मेदारी किडनी के ऊपर ही होती है. किडनी पुरे शरीर की गंदगी को साफ करके शरीर से बाहर निकालती है ताकि हमारा शरीर स्वस्थ रह सके. लेकिन कई बार किडनी खुद अस्वस्थ हो जाती है और ऐसे में शरीर कई सारी बीमारियों का शिकार हो जाता है. कई बार बीमार होकर किडनी फेल हो जाती है और शरीर की गंदगी बाहर नहीं निकलने के कारण शरीर कई परेशानियों में फंस जाता है. चलिए आज जानते हैं कि किडनी क्यों फेल हो जाती है और इसके प्रारंभिक लक्षण कैसे पहचाने जा सकते हैं.
इन कारणों से फेल हो जाती है किडनी
आपको पता होगा कि शुगर ऐसी बीमारी है जिसका सीधा असर किडनी की स्वस्थ पर पड़ता है.शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने पर भी किडनी के फेल होने के आसार बढ़ जाते हैं. दरअसल जब शरीर में शुगर ज्यादा हो जाती है तो ये खून में मिल जाती है. ये शुगर किडनी के फिल्टरिंग सेल्स को डैमेज करती है और धीरे धीरे किडनी कमजोर होकर फेल होने की कगार पर पहुंच जाती है. ऐसे में आपको अपने शुगर पर कंट्रोल रखने की ज्यादा जरूरत है.
हाई शुगर की ही तरह हाई ब्लड प्रेशऱ यानी उच्च रक्तचाप भी किडनी फेल होने का कारण बन जाता है. ज्यादा ब्लड प्रेशर का सीधा असर ब्लड आर्टरीज पर पड़ता है जिससे किडनी की रक्त कोशिकाएं डैमेज होती हैं और किडनी फेल होने के जोखिम बढ़ जाते हैं. शरीर में हेपेटाइटिस वायरस के हमले के कारण भी किडनी फेल होने के खतरे बढ़ जाते हैं. हेपेटाइटिस होने से किडनी के अंदर फिल्ट्रेशन का काम करने वाले फिल्टर सूजन का शिकार हो जाते हैं जिससे किडनी फेल होने का खतरा बढ़ जाता है.
किडनी फेल होने के लक्षण
किडनी फेल होने पर सबसे पहले शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में दिक्कत आने लगती है.ऐसे में पीठ में दर्द होना सबसे पहला लक्षण माना जाता है. पसलियों में दर्द होने लगता है. सुबह के समय जी मिचलाता है और उल्टी आने लगती है. इस कारण भूख बहुत कम हो जाती है और कुछ भी खाने पर उल्टी आने लगती है. इस दौरान कभी कभी मूत्र से खून आने लगता है. यूरिन की फ्रीक्वेंसी भी अनियमित होती है. कभी यूरिन ज्यादा आता है औऱ कभी कम आता है. यूरिन पास करते समय जलन और दर्द होना भी किडनी फेल होने का लक्षण है. बीपी का हाई होना, पैरों में सूजन आ जाना भी किडनी फेल होने का एक आम लक्षण कहा जा सकता है.
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