जानिए कैसे फ्लू से लेकर फैटी लिवर तक, कई बीमारियों को दूर रखने में मददगार है लौंग

सर्दियां अपने साथ कई सारी दिक्कतें लेकर आती है. इस मौसम में बड़ी संख्या में लोग जुकाम और खांसी से पीड़ित नजर आते हैं. इन बीमारियों से बचने के लिए कई लोग तो चाय और कॉफी जैसी गर्म चीज़ों का इस्तेमाल करते हैं. मगर क्या आप यह जानते हैं कि खांसी, जुकाम और गले में खराश की परेशानी को दूर करने के लिए आप लौंग का इस्तेमाल कर सकते हैं? सभी घरों में पाया जाने वाला लौंग स्वाभाविक रूप से खांसी से लड़ने में मददगार साबित होता है. ये इम्यूनिटी में सुधार करने का भी काम करता है. लौंग में यूजेनॉल और गैलिक एसिड जैसे फेनोलिक कांपाउंड होते हैं, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल होते हैं. औषधीय गुणों से भरपूर लौंग न सिर्फ सीज़नल फ्लू से राहत दिलाते हैं, बल्कि लगातार आ रही खांसी को भी दूर करते हैं.

एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी की वजह से लौंग शरीर के अंगों, खासतौर से लीवर के स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा विकल्प है. लौंग में हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो फ्री मेटाबोलिक एक्टिविटी की वजह से होने वाले प्रभावों का मुकाबला करते हैं.

डायबिटीज मरीजों के केस में, शरीर को जितनी मात्रा में इंसुलिन की जरूरत होती है, उतना इंसुलिन प्रोड्यूस करने में शरीर अक्षम होता है. कई शोध यह बताते हैं कि लौंग के इस्तेमाल से शरीर में इंसुलिन का प्रोडक्शन होता है और तो और ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है.

लौंग की कली शरीर में वाइट ब्लड सेल्स की संख्या को बढ़ाने का काम करती है. लौंग में इम्यूनिटी को बढ़ाने वाले गुण होते हैं. इसलिए जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, उनको लौंग का सेवन करना चाहिए.

लौंग में एक खास सुगंध होती है. इसलिए इसका सेवन सांसों की दुर्गंध को दूर करने के लिए किया जा सकता है. आप चाहें तो इसे कच्चा चबा लें या फिर किसी आहार के साथ मिलाकर खा लें.

एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर लौंग को खांसी से पीड़ित व्यक्ति के लिए लाभकारी माना जाता है. गले में खराश की समस्या को दूर करने के लिए आप एक लौंग को सेंधा नमक के साथ चबा सकते हैं. यह फैरिंक्स (ग्रसनी) की सूजन से राहत दिलाने में भी मददगार है.

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