हरा धनिया शरीर को कई तरह के लाभ पहुंचाता है और कई तरह की गंभीर बीमारियों को शरीर में पनपने से रोकता है. इसे एक या दो नहीं बल्कि आप तीन तरह से अपने भोजन का हिस्सा बना सकते हैं. इसे खाने से क्या लाभ मिलते हैं और कौन-से रोगों से बचाव होता है, इस बारे में आपको यहां जरूरी जानकारी दी जा रही है.
हरा धनिया एक प्राकृतिक हर्ब है, जो अनेक स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव में भी उपयोगी है.
धनिए में एंटी-इंफ्लामेट्री गुण, ऐंटी-ऑक्सीडेंट्स, बीपी को नियंत्रित रखने वाले गुण पाए जाते हैं.
हरा धनिया नियमित रूप से खाने पर तंत्रिका तंत्र में सुधार होता है. यूरिन संबंधी समस्याएं दूर रहती हैं. मिर्गी जैसे रोग में भी यह लाभकारी होता है.
धनिया सिर्फ शारीरिक रोगों से ही नहीं बल्कि मानिसक विकारों से भी बचाव करता है. जो लोग हर दिन हरा धनिया खाते हैं, उन पर एंग्जाइटी और तनाव जैसी मानसिक समस्याएं जल्दी से हावी नहीं हो पाती हैं.
हरा धनिया इम्यूनिटी बढ़ाता है. यानी रोगों से लड़ने की शक्ति में वृद्धि करता है. लिवर को स्वस्थ रखता है. लेकिन इन सब खूबियों के बाद भी आप हरे धनिया को बीमारियों का उपचार नहीं समझ सकते. आपको बता दें कि इसे खाने से बीमारियों से बचाव होता है.
आप दाल और सब्जी में हरा धनिया के पत्तियां महीन काटकर मिलाएं. ध्यान रखें सब्जी बनने और दाल पकने के बाद धनिया मिलाया जाता है. धनिया मिलाकर इन्हें नहीं पकाते हैं. क्योंकि ऐसा करने से धनिया के प्राकृतिक गुणों में कमी आती है.
धनिए की चटनी बनाकर खाएं. हरा धनिया के साथ प्याज और हरी मिर्च को पीसकर चटनी तैयार करें बाद में इसमें स्वादानुसार नमक मिलाकर इसका सेवन करें. यह पाचन को दुरुस्त करती है और गैस, बदहजमी जैसी समस्याओं से बचाती है.
तीसरी विधि है कि आप हरे धनिए का रायता बनाकर खाएं. इसे पीसकर रायते में मिला लें. या फिर पिसे हुए हरे धनिया को छाछ, जलजीरा, आम पना इत्यादि में मिलाकर इसका सेवन करें.
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