डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी से बचना है तो आपको हर दिन पर्याप्त मात्रा में यानी करीब 8 से 10 गिलास पानी पीना होगा. लेकिन कई बार सही मात्रा में पानी पीने के बाद भी डिहाइड्रेशन हो जाता है. और इसे आप यूरिन का गाढ़ा पीला रंग, सांसों की दुर्गंध, पसीना ना आना या बहुत कम आने से समझ सकते हैं. ये सभी डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी के लक्षण हैं.
कुछ लोग एक बार में ही एक लीटर तक पानी पी लेते हैं और फिर घंटों प्यासे रहते हैं या उन्हें याद ही नहीं आता कि पानी भी पीना है. ऐसा करना आपकी किडनी की सेहत पर बुरा असर डालता है. जब आप एक साथ इतना अधिक पानी पीते हैं तो यूरिन जल्दी-जल्दी आता है और शरीर में पानी रुक नहीं पाता है.
पानी के मामले में भी हर व्यक्ति के शरीर की जरूरत अलग होती है. सामान्यतौर पर 8 से 10 गिलास पानी पीने का जो सुझाव दिया जाता है, वह जरूरी नहीं कि हर किसी पर लागू हो. क्योंकि एथलीट्स, किसान, डांसर या शारीरिक श्रम से जुड़े दूसरे व्यवसायों में लगे लोगों को अधिक मात्रा में पानी की जरूरत होती है क्योंकि उनके शरीर से पसीना अधिक निकलता है.
शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होने पर भी डिहाइड्रेशन हो जाता है और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना काम नहीं आता है. क्योंकि इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे, सोडियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस इत्यादि फ्लूइड को पूरे शरीर में सही मात्रा में पहुंचाने का काम करते हैं. ये ही किडनी को इसका काम सही से करने में मदद भी करते हैं.
जब शरीर में शुगर का स्तर बढ़ता है तो बॉडी बार-बार यूरिन के जरिए इस शुगर को बाहर निकालने का काम करती है. जिन लोगों में पानी पीने के बाद भी डिहाइड्रेशन की समस्या होती है, उन्हें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उनकी यूरिन की फ्रिक्वेंसी और मात्रा कितनी है.
आपको लगता है कि आपने जो भी लिक्विड लिया है वो आपके शरीर को हाइड्रेट करने का काम करता है… तो आप गलत सोच रहे हैं. क्योंकि कॉफी, कोल्ड कॉफी, चाय, सॉफ्ट ड्रिंक्स से लेकर सोडा ड्रिंक्स तक ये सभी चीजें आपके शरीर से पानी को अधिक मात्रा में निकालने का काम करती हैं. यानी ये खुद तो आपके शरीर को हाइड्रेशन नहीं देती हैं और आपके शरीर में जो पानी होता है,उसे भी फ्लश करने का काम करती हैं.
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