दूध का इस्तेमाल हमेशा उबालकर किया जाना चाहिए. हालांकि कुछ लोग ऐसा बिल्कुल नहीं करते. वे इनका इस्तेमाल कच्चे रूप में करते हैं, जो सेहत के लिए कई मायनों में ठीक नहीं है. कई लोग कच्चे दूध को हेल्दी मानकर उसका सेवन कर लेते हैं, वो भी बिना यह जाने कि इससे शरीर में कितनी समस्याएं पैदा हो सकती है. अगर आप भी कच्चा दूध पीते हैं तो तुरंत सावधान हो जाइए.
दूध में कई पोषक तत्व होते हैं, जिनका लाभ आपको तभी मिल पाएगा जब आप इसे उबालकर पीना शुरू करेंगे. उबालकर दूध पीने से आपको पोषण तो मिलता ही है, साथ ही साथ खाद्य जनित बीमारी का खतरा भी कम रहता है. आइए जानते हैं कि कच्चा दूध क्यों नहीं पीना चाहिए और इससे कैसी-कैसी शारीरिक दिक्कतें पैदा हो सकती हैं?
कच्चे दूध के लिए कोई सेफ्टी रेगुलेशन नहीं होता. इसे डायरेक्ट पिया जाता है. उबाले गए दूध से सारे हानिकारक बैक्टीरिया निकल जाते हैं, लेकिन कच्चे दूध में कई खतरनाक बैक्टीरिया की मौजूदगी होती है. यही वजह है कि इसको पीना सुरक्षित नहीं माना जाता.
कच्चे दूध में ई. कोलाई, साल्मोनेला और लिस्टेरिया जैसे हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो गंभीर बीमारी के साथ-साथ मौत का खतरा भी पैदा कर सकते हैं. दूध में ये बैक्टीरिया या तो गाय के थन से आते हैं या पर्यावरण से दूषित होने के कारण आ सकते हैं.
कमजोर लोगों में शिशु, छोटे बच्चे, प्रेग्नेंट महिलाएं और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग शामिल हैं. अगर ये लोग कच्चे दूध का सेवन करेंगे तो न सिर्फ गंभीर बीमारी के पैदा होने का खतरा रहेगा, बल्कि मौत का जोखिम भी हमेशा मंडराता रहेगा.
कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि उबाले गए दूध की तुलना में कच्चे दूध में ज्यादा पोषण होता है. हालांकि इसको लेकर बहुत कम ही वैज्ञानिक प्रमाण हैं. कच्चा दूध पीने से आपको उतना पोषण नहीं मिलेगा, जितनी बीमारियां मिल सकती हैं.
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