कोई सामान पकड़ने में अगर आपके हाथ कांप रहे हैं तो ये डायबिटीज के लक्छण है,जानिए

डायबिटीज लाइफ स्टाइल से जुड़ी डिसीज है. डेली एक्सरसाइज करने, डाइट सही करने, योगा करने से ही इस बीमारी का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. ब्लड में इंसुलिन कम होने पर डायबिटीज रोग होता है. इस इसंुलिन को मैनेज करने के लिए हर दिन गोली या फिर इंजेक्शन तक लगवाना पड़ता है. अन्य रेागों की तरह डायबिटीज के भी लक्षणों से इसकी पहचान की जा सकती है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डायबिटीज का हाथ कंपकंपाने से भी संबंध है. डॉक्टरों का कहना है कि यदि डायबिटीज है तो मांसपेशियों और हाथ की पकड़ की ताकत कम हो जाती है. इसका मतलब साफ है कि मसल्स का वॉलयूम और उसकी ताकत, डायबिटीज है या नहीं. इसकी पुष्टि भी करती है. यह मसल्स का वॉल्यूम यानि द्रव्यमान कम है तो इससे डायबिटीज होने का खतरा रहता है.

मसल्स का इंसुलिन से भी गहरा संबंध देखा गया है. जब मसल्स वॉल्यूम कम होता हैं, उस समय इंसुलिन भी कम होने की संभावना रहती है. भारत में इस तरह के मामले बहुत अधिक देखने को मिलते हैं. एक बात और सामने आई है. जिनमें लोगों में फैट अधिक होती है और मसल्स वॉल्यूम कम होता है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर में इसको लेकर एक स्टडी की गई. स्टडी में सामने आया कि कमजोर मसल्स वाली महिलाओं में सामान्य ताकत वाली महिलाओं की अपेक्षा डायबिटीज होने की संभावना दो गुना अधिक थी. हाथ की मसल्स की ताकत डायबिटीज होने या न होने से स्पष्ट रूप से जुड़ी हुई थी.

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