दूध पीना हेल्थ के लिए फायदेमंद माना जाता है. इसमें मौजूद कैल्शियम हडिडयों को मजबूती देने का काम करता है. जो लोग रेग्यूलर दूध पीते हैं. उनमें हडडी संबंधी प्रॉब्लम नहीं हो पाती है. इसके अलावा दूध अन्य जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति करता है. बहुत सारे लोग रात को दूध पीना पसंद करते हैं. कुछ लोग ठंडा दूध इसलिए भी पीते हैं, ताकि एसिडिटी से निजात मिल जाए. ये जानना जरूरी है, क्या सच में दूध पीने से एसिडिटी की प्रॉब्लम खत्म हो जाती है या फिर प्रॉब्लम और अधिक बढ़ जाती है. यही जानने की कोशिश करते हैं.
क्यों मानते हैं, करता है फायदा?
अकसर आपने भी लोगों को कहते हुए सुना होगा कि एसिडिटी की समस्या है तो ठंडे दूध का उपयोग कर लेना चाहिए. इससे एसिडिटी की समस्या खत्म हो जाती है. ऐसा माना जाता है कि दूध में पाया जाने वाला एल्काई पेट में बनने वाले अतिरिक्त एसिड को खत्म करता है. इससे एसिडिटी संबंधी प्रॉब्लम दूर हो जाती है.
जबकि ऐसा नहीं है
लेकिन विशेषज्ञों की इसको लेकर अलग राय है. विशेषज्ञोें का कहना है कि दूध पीने के तुरंत बाद राहत तो मिलती है. मगर यह राहत अस्थायी होेती है. यह इसका परमानेंट
इलाज नहीं है. कुछ घंटे बाद फिर से एसिडिटी बनना शुरू हो जाएगी. इसमें मौजूद फैट और प्रोटीन एसिड उत्सर्जन को बढ़ावा देते हैं. इससे एसिडिटी की प्रॉब्लम और अधिक बढ़ने लगती है. इससे पेट और गले में जलन की प्रॉब्लम हो सकती है.
फिर कैसे राहत पाएं?
एसिडिटी से राहत पानी है तो दूध का विकल्प अपनाने से बचना चाहिए. इसके अलावा अन्य उपाय किए जा सकते हैं. बाजार से एंटासिड ले सकते हैं. इसके अलावा मूली, छाछ का सेवन भी एसिडिटी में लाभकारी होता है. एसिडिटी की समस्या से अधिक परेशान हैं तो खानपान और रहन-सहन में सुधार करना चाहिए. भोजन अधिक नहीं करना चाहिए. खाने के तुरंत बाद पानी न पीए. इससे एसिडिटी में आराम मिल जाता है.
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