अक्सर जब हम बीमार पड़ते हैं और डॉक्टर के पास जाते हैं, तो डॉक्टर सबसे पहले जीभ और आंखों की जांच करते हैं, लेकिन उससे पहले उनका ध्यान नाखूनों पर जाता है। दरअसल, नाखूनों और उनके रंग से कई बीमारियों का पहले पता चल सकता है। नाखून केराटिन नामक प्रोटीन के लेयर से बने होते हैं, जो हमारी उंगलियों और पैरों की सुरक्षा करते हैं। नाखूनों का हेल्दी रहना बेहद जरूरी है ताकि हाथ और पैरों में कोई इंफेक्शन न लगे।
नाखूनों की कंडीशन से कैसे पहचानें बीमारी
टूटे या फटे नाखून: ड्राई या टूटे नाखून थायरॉयड की ओर इशारा करते हैं। इसके अलावा, पीले रंग के नाखूनों का टूटना किसी फंगल इंफेक्शन का संकेत हो सकता है।
बेरंग नाखून (ल्यूकोनिचिया): जब नाखून सफेद हो जाते हैं तो इसे ल्यूकोनिचिया कहते हैं, जो चोट, एनिमिया, या कुपोषण के कारण हो सकता है।
पीले नाखून: पीले नाखून का होना आमतौर पर थायरॉयड, लंग्स, या डायबिटीज के संकेत हो सकते हैं। जब संक्रमण बढ़ जाता है, तो नाखून ढीले हो सकते हैं और टूटने लगते हैं।
नीले नाखून: जब नाखून नीले हो जाते हैं, इसका मतलब है कि शरीर को ठीक से ऑक्सीजन नहीं मिल रही। ये निमोनिया या किसी अन्य इंफेक्शन का संकेत हो सकता है।
नाखून कमजोर होने के कारण
उम्र का बढ़ना: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, नाखून कमजोर और बदरंग दिखने लगते हैं। हालांकि अगर यह समस्या अधिक बढ़ जाए, तो इससे दिक्कतें हो सकती हैं।
आयरन की कमी: शरीर में आयरन की कमी होने से नाखून कमजोर और बदरंग हो सकते हैं। इससे खून में आरबीसी (Red Blood Cells) की कमी हो जाती है।
प्रोटीन और मैग्नीशियम की कमी: नाखूनों को मजबूत और लचीला बनाए रखने के लिए प्रोटीन और मैग्नीशियम की जरूरत होती है, जो केराटिन के निर्माण में मदद करते हैं।
रेनॉड सिंड्रोम (Raynaud Syndrome): यह एक ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ी समस्या है, जो नाखूनों के कमजोर होने का कारण बन सकती है।
नाखूनों को मजबूत बनाने के उपाय
प्रोटीन की कमी को दूर करने के लिए अंकुरित अनाज, दूध, दही, और कच्चा पनीर खाएं।
शरीर में पानी की कमी से नाखून कमजोर होते हैं, इसलिए खुद को हाइड्रेट रखें।
हरी सब्जियां और फल खाने से नाखूनों को आवश्यक पोषण मिलता है।
नाखूनों की मसाज के लिए जैतून के तेल, अरंडी, या बादाम के तेल का इस्तेमाल करें, जिससे नाखून मजबूत और हेल्दी होते हैं।
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