गर्मियों के मौसम में पेट को ठंडा रखने के लिए लोग अपनी डाइट में दही को तरह तरह से शामिल करते हैं. रायता और छाछ का सेवन बढ़ा देते हैं. दही के सेवन से काफी फायदा पहुंचता है. इसमें प्रोबायोटिक्स होता है जो गट हेल्थ को दुरुस्त रखते हैं. लेकिन जरूरत से ज्यादा दही का सेवन करना आप को नुकसान पहुंचा सकता है. आइए जानते हैं इससे होने वाले नुकसान के बारे में.
दही में लैक्टोज पाया जाता है ऐसे में जिन लोगों को लैक्टोज इनटोलरेंस की समस्या होती है, उन्हें इससे दिक्कत हो सकती है. लैक्टोज एक तरह का मिल्क शुगर है, जिससे शरीर में मौजूद लैक्टस एंजाइम की मदद से पचाया जाता है. जब शरीर में लैक्टस एंजाइम की कमी होती है, लैक्टोज आसानी से पच नहीं पाता और शरीर में सूजन और गैस की समस्या बढ़ जाती है.
अगर आप सीमित मात्रा में दही का सेवन करते हैं तो ये सही है लेकिन अगर आप इसके सेवन को बढ़ा देते हैं तो इससे आपका वजन भी बढ़ सकता है, क्यों कि दही में फैट्स और कैलरी होती है..
दही का सेवन करना हड्डियों के लिए तो अच्छा होता है लेकिन दही में सैचुरेटेड फैट और एडवांस ग्लाइकेशन की मात्रा काफी ज्यादा पाई जाती है. इसके चलते हड्डियों का धनत्व कम होने लगता है. अगर आप अर्थराइटिस के मरीज हैं तो दही का सेवन आप के दर्द और सूजन को बढ़ा सकता है.आपके घुटनो का दर्द बढ़ सकता है.
अगर आपको एसिडिटी की समस्या रहती है तो भी आपको दही का सेवन नहीं करना चाहिए खासतौर से रात में दही का बिल्कुल सेवन ना करें.
अगर आप का पाचन तंत्र कमजोर है तो आपको रोजाना दही खाने से बचना चाहिए. क्योंकि अगर पाचन सही से काम नहीं कर रहा है तो दही खाने से कब्ज की समस्या पैदा हो सकती है.
गंभीर एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस से जूझ रहे लोगों को डॉक्टर प्रोबायटोक्स ना लेने की सलाह देते हैं क्यों कि इससे समस्या और बढ़ सकती है
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