झारखंड: हड़ताल जारी रही तो राशन वितरण के लिए करनी होगी ‘वैकल्पिक व्यवस्था’ – मंत्री

झारखंड के मंत्री रामेश्वर ओरांव ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि उचित मूल्य की दुकानें बंद रहती हैं तो सरकार को राशन वितरण के लिए ‘वैकल्पिक व्यवस्था’ करनी होगी। राज्य में उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) कारोबारियों ने अपना अनिश्चितकालीन ‘राशन बंद’ हड़ताल जारी रखी।

एक जनवरी को झारखंड में 25,000 से अधिक एफपीएस कारोबारी ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन द्वारा दिए गए राष्ट्रव्यापी अनिश्चितकालीन ‘राशन बंद’ आह्वान में शामिल हुए।

इस हड़ताल से झारखंड में केंद्र और राज्य खाद्य सुरक्षा योजनाओं के 65 लाख से अधिक लाभार्थी प्रभावित हुए हैं।

राज्य के खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री, ओरांव ने बताया कि ‘राज्य सरकार मामले के समाधान के लिए एफपीएस कारोबारियों के साथ बातचीत कर रही है। हमारे विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने उनकी मांगों को लेकर उनके साथ चर्चा की है और वे सरकार के जवाब से संतुष्ट हैं। उनक मांगें पहले से ही विचाराधीन हैं. इसलिए कोई समस्या की बात नही है।

उन्होंने बताया ‘यदि डीलर अड़ियल रवैया अपनाते हैं और हड़ताल जारी रखते हैं तो राशन वितरण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर भी चर्चा चल रही है। हमें किसी भी तरह गरीबों के बीच राशन वितरित करना है। इसलिए, एक वैकल्पिक योजना पर भी विचार किया जा रहा है, उन्होने कि मैं इसका खुलासा नहीं करूंगा।

फेयर प्राइस शॉप डीलर्स एसोसिएशन की झारखंड इकाई के महासचिव संजय कुंडू ने कहा ‘हमने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ चर्चा की है, लेकिन हम अपनी समस्याओं का मजबूत समाधान चाहते हैं, न कि केवल आश्वासन। इसलिए, हमने खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री के साथ एक बैठक का अनुरोध किया है।

उन्होंने बताया कि सात जनवरी को जिला स्तरीय डीलर एसोसिएशन के साथ बैठक होनी है। उन्होंने कहा ‘बैठक में रखे गए प्रस्तावों के आधार पर हम मंत्री से मिलेंगे। अगर सरकार हमारी मांगों पर सहमत होती है, तो हम आंदोलन वापस ले लेंगे।

कुंडू ने कहा कि एफपीएस डीलर कमीशन को एक रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर तीन रुपये प्रति किलोग्राम करने और कारोबारी की मृत्यु के मामले में अनुकंपा के आधार पर परिवार के एक सदस्य को दुकान देने की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कारोबारी कोविड महामारी अवधि के दौरान राशन वितरण के एवज में 13 महीने के कमीशन की भी मांग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देशव्यापी आंदोलन का आह्वान एफपीएस डीलरों की विभिन्न मांगों जैसे कारोबारियों के लिए 50,000 रुपये की न्यूनतम मासिक आय गारंटी सुनिश्चित करने, विश्व खाद्य कार्यक्रम की सिफारिशों को लागू करने और ई-पीओएस उपकरणों के माध्यम से वितरण की अनुमति देने के लिए किया गया है।

– एजेंसी