अंतरिम बजट में तीन रेलवे कॉरिडोर कार्यक्रमों की घोषणा की गई, जिनका मकसद ऊर्जा, खनिज, सीमेंट, बंदरगाह और हाई ट्रेफिक वाले क्षेत्रों के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाकर आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए परियोजनाओं को पीएम गति शक्ति कार्यक्रम के हिस्से के रूप में चुना गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि इन प्रस्तावों से लॉजिस्टिक्स में बढ़ोतरी होगी और लागत कम होगी।
उन्होंने कहा, हाई ट्रेफिक गलियारों में भीड़भाड़ कम होने से पैसेंजर ट्रेन ऑपरेशन में सुधार होगा, साथ यात्रियों के लिए सुरक्षा और यात्रा की स्पीड बढ़ेगी। समर्पित माल गलियारों के साथ-साथ, ये आर्थिक गलियारा कार्यक्रम सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को बढ़ावा देंगे और लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी।”
सीतारमण ने 2023 में भारतीय रेलवे की दो बड़ी समस्याओं के बारे में बात की: सुरक्षा और ट्रेनों का लेट होना। ये मुद्दे बड़ी दुर्घटनाओं के बाद सामने आए, जैसे कि ओडिशा के बालासोर में, जहां 2 जून 2023 को तीन ट्रेनों के आपस में टकराने से 300 लोगों की मौत हो गई।
इसके अलावा ट्रैक पर बहुत सारी ट्रेन होने के चलते स्टेशनों में भारी भीड़ देखने को मिली। जिसकी वजह से, त्यौहार सीजन के दौरान यात्रियों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
सीतारमण ने घोषणा की कि वंदे भारत ट्रेनों की सुरक्षा, सुविधा और कंफर्ट को पूरा करने के लिए 40,000 नियमित ट्रेन डिब्बों को अपग्रेड किया जाएगा।
2022 में, रेलवे ने वित्त वर्ष 2028 तक बुनियादी ढांचे का विस्तार करने की योजना बनाई ताकि वित्त वर्ष 2030 तक 3000 मिलियन टन माल ढुलाई की जा सके, जिसे मिशन 3000 एमटी नाम दिया गया है। मिशन 3000 एमटी के अंतर्गत पांच वर्षों में पूरा करने के लिए 1200 से अधिक परियोजनाएं हैं, जिनकी लागत लगभग 8.45 ट्रिलियन रुपये है। ये परियोजनाएं पूर्ण होने के अलग-अलग फेज में चल रही हैं।
वित्तीय वर्ष23 में, रेलवे ने 1512 मिलियन टन लोड किया, जो वित्तीय वर्ष21-22 के 1418 मिलियन टन से 6.63 फीसदी अधिक है, जो एक वित्तीय वर्ष में अब तक की सबसे अधिक लोडिंग है। अप्रैल से नवंबर 2023 तक उन्होंने 1015.67 मिलियन टन लोड किया, जबकि पिछले साल यह 978.72 मिलियन टन था।
– एजेंसी