प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि हम न सिर्फ भारत में तेजी से 5जी का विस्तार कर रहे हैं, बल्कि 6जी के क्षेत्र में भी लीडर बनने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
दिल्ली के भारत मंडपम में इंडिया मोबाइल कांग्रेस के 7वें संस्करण में प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में तेजी से बदलती दुनिया के समय में आयोजित यह कार्यक्रम करोड़ों लोगों का भविष्य बदलने की क्षमता रखता है। एक समय था जब हम भविष्य की बात करते थे, तो उसका अर्थ अगला दशक, 20-30 साल का समय या फिर अगली शताब्दी होता था। आज हर दिन टेक्नोलॉजी में तेजी से होते परिवर्तन के कारण हम कहते हैं कि भविष्य यहीं और अभी है।
कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शनी में लगे स्टॉल्स का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस प्रदर्शनी में मैंने उसी भविष्य की झलक देखी। टेलीकॉम हो, टेक्नोलॉजी हो, कनेक्टिविटी हो, 6जी हो, एआई हो, साइबर सिक्योरिटी हो, सेमीकंडक्टर हो, ड्रोन या स्पेस सेक्टर हो या फिर दूसरे सेक्टर्स, आने वाला समय बिल्कुल ही अलग होने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ये हम सभी के लिए खुशी की बात है कि हमारी युवा पीढ़ी देश के भविष्य का नेतृत्व कर रही है, हमारी टेक रेवोल्यूशन को लीड कर रही है। पिछले वर्ष हम यहां 5जी रोलआउट के लिए एकत्र हुए थे। उस ऐतिहासिक कार्यक्रम के बाद पूरी दुनिया भारत को हैरत भरी नजरों से देख रही थी। आखिर भारत में दुनिया का सबसे तेज़ 5जी रोलआउट हुआ था। हम उस सफलता के बाद भी रुके नहीं। हमने 5जी को भारत के हर नागरिक तक पहुंचाने का काम शुरू किया। यानी हम रोलआउट स्तर से रीच आउट स्तर तक पहुंचे।
मोदी ने कहा कि 5जी के लॉन्च के एक साल के भीतर ही भारत में लगभग 4 लाख 5जी बेस स्टेशन बन गए हैं। इनसे देश के 97 प्रतिशत शहरों और 80 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या को कवर किया जा रहा है। हम न सिर्फ भारत में तेजी से 5जी का विस्तार कर रहे हैं, बल्कि 6जी के क्षेत्र में भी लीडर बनने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में विकास का लाभ हर वर्ग, हर क्षेत्र तक पहुंचे, भारत में संसाधनों का सभी को लाभ मिले, सभी को सम्मानजनक जीवन मिले और सभी तक टेक्नोलॉजी का फायदा पहुंचे, इस दिशा में हम तेजी से काम कर रहे हैं। मेरे लिए यही सबसे बड़ा सामाजिक न्याय है। नागरिकों के लिए पूंजी तक पहुंच, संसाधनों तक पहुंच और प्रौद्योगिकी तक पहुंच हमारी सरकार की प्राथमिकता में है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत नेट प्रोजेक्ट ने अब तक करीब 2 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ा है। हमारी अटल टिकरिंग लैब के पीछे भी यही विचार है। 10 हजार लैब्स के जरिए हम करीब 75 लाख बच्चों को अग्रणी तकनीक से जोड़ पाए हैं। उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों में भारत की सबसे महत्वपूर्ण सफलता की कहानियाें में हमारा स्टार्टअप इकोसिस्टम भी एक महत्वपूर्ण स्थान ले चुका है। बहुत कम समय में हमने यूनीकॉर्न का शतक लगाया है और हम दुनिया के टॉप 3 स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक बने हैं। 2014 से पहले भारत के पास मात्र कुछ सौ स्टार्टअप थे। अब ये संख्या 1 लाख के आसपास पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि भारत का सेमीकंडक्टर मिशन सिर्फ अपनी घरेलू डिमांड ही नहीं बल्कि दुनिया की जरूरत पूरी करने के मिशन पर आगे बढ़ रहा है।
– एजेंसी