रोजाना खाने में इस्तेमाल करेंगे ऑलिव ऑयल तो काफी कम हो जाएगा समय से पहले मौत का खतरा

खाने में आजकल रिफाइंड और सोयाबीन जैसे तेल का इस्तेमाल हो रहा है. सेहत के लिए इन तेल को खतरनाक माना जाता है. कई रिसर्च में भी पाया गया है कि ये तेल सेहत को बुरी तरह प्रभावित करते हैं लेकिन इन सबके बीच एक तेल ऐसा भी है, जो सेहत का खजाना है. इसके इस्तेमाल से कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा न के बराबर हो जाता है. हम बात कर रहे हैं ऑलिव ऑयल की. रिसर्च में पाया गया है कि ऑलिव ऑयल में मौजूद तत्व कई गंभीर बीमारियों से होने वाली मौत के रिस्क को कम कर सकता है. आइए जानते हैं इसके फायदे…

डिमेंशिया से मौत का खतरा कम
करीब 6 दशक तक अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि ऑलिव ऑयल का रोजाना एक से डेढ़ चम्मच खाने में इस्तेमाल कई तरह जबरदस्त फायदेमंद हो सकता है. इसका रोजाना सेवन करने वालों में डिमेंशिया से होने वाली मौत का खतरा 4 प्रतिशत तक कम पाया गया. दरअसल, एक्स्ट्रा-वर्जिन ऑलिव ऑयल में पॉलीफेनोल्स की मात्रा काफी पाई जाती है. ये एंटीऑक्सीडेंट इंफ्लामेशन के रिस्क को कम कर इससे संबंधित कई बीमारियों से बचाने का काम करते हैं.

इंफ्लामेशन का रिस्क जीरो
क्लीवलैंड क्लिनिक के आहार और पोषण विशेषज्ञ क्रिस्टिन किर्कपैट्रिक का कहना है कि सूजन या इंफ्लामेशन किसी भी बीमारी की नींव रख सकता है. इसे कंट्रोल करने या इससे बचने में ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं.

दिल की सेहत के लिए रामबाण
इस शोध में पाया गया कि ऑलिव ऑयल दिल की सेहत को भी दुरुस्त रखता है. इसके कई लाभ देखने को मिले हैं. यूरोपीय फूड सेफ्टी अथॉरिटी ने हार्ट से जुड़ी समस्याओं को कम करने के लिए एक निश्चित मात्रा में पॉलीफेनोल सेवन की मंजूरी दी है. शोधकर्ताओं ने पाया कि ऐसे लोग जिन्हें 3-4 साल पहले से ही हर दिन ऑलिव ऑयल खाना शुरू किया है, उनमें बैड कोलेस्ट्रॉल और इससे होने बीमारियों का जोखिम कम पाया गया है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
इस रिसर्च में अध्ययनकर्ताओं ने पाया एक्स्ट्रा-वर्जिन ऑलिव ऑयल डिमेंशिया और हार्ट के लिए ही नहीं बल्कि दूसरी कई बीमारियों से होने वाली मौत के खतरे को कम कर सकती है. इसके अलावा डायबिटीज में भी कमाल का काम कर सकती है. इसके सेवन से फास्टिंग ब्लड शुगर और इंसुलिन प्रतिरोध कम होते हुए भी देखा गया है. एक्सपर्ट्स का कहना है अगर हर दिन 25 ग्राम करीब दो बड़े चम्मच से कम ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल खाने में किया जाए तो टाइप-2 डायबिटीज का जोखिम करीब 22% तक कम हो जाता है.

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