अश्वगंधा एक जादुई जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल कई सारी समस्याओं में किया जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्निफेरा है, इसे विंटर चेरी और इंडियन गनसेंग के नाम से भी जाना जाता है. शोध में यह साबित हो चुका है कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं. अब सवाल यह है कि इसकी तासीर क्या होती है क्या यह ठंडा है या गरम है.
डाइटिशियन गरिमा गोयल बताती हैं कि अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है, यही वजह है कि हमेशा ऐसे डॉक्टर की सलाह पर ही खाने की बात कही जाती है. इसके अलावा हमेशा इसे दूध में मिलाकर या चीनी के साथ सेवन करने की सलाह दी जाती है ताकि इसकी तासीर को बैलेंस करने में मदद मिले. इसके अलावा विशेषज्ञ गर्मी में भी इसके सीमित सेवन की सलाह देते हैं क्योंकि अगर आप गर्मी में अश्वगंधा का सेवन करते हैं तो इसकी गर्म तासीर के चलते आपको कई सारी परेशानी हो सकती है. जैसे गर्मी के मौसम में इसके इस्तेमाल से आपको गैस ,उल्टी, ज्यादा नींद आने जैसी समस्या हो सकती है,और सर्दियों में इसका सेवन आपको अतिरिक्त लाभ दे सकता है.
गर्भवती महिलाएं
स्तनपान कराने वाली महिलाएं.
थायराइड के रोगी .
अगर किसी व्यक्ति का ऑपरेशन हुआ है या फिर कुछ दिनों में होने वाला है इस स्थिति में भी अश्वगंधा खाने की सलाह नहीं दी जाती है.
अगर आप ऑटोइम्यून बीमारी से पीड़ित है तो ये आपकी टिशू को नुकसान पहुंचा सकती है.
कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी में अश्वगंधा बहुत ही लाभदायक है. कई रिसर्च में यह सामने आया है कि अश्वगंधा कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है और कैंसर के नए सेल्स नहीं बनने देता.
अश्वगंधा व्हाइट ब्लड सेल और रेड ब्लड सेल दोनों को बढ़ाने का काम करता है.
मानसिक तनाव जैसी गंभीर समस्या को ठीक करने में भी लाभदायक है, एक रिपोर्ट के मुताबिक तनाव को 70 फ़ीसदी तक अश्वगंधा के इस्तेमाल से कम किया जा सकता है .दरअसल आपके शरीर और मानसिक संतुलन को ठीक रखने में यह असरदार है इससे अच्छी नींद आती है.
अश्वगंधा में मौजूद ऑक्सीडेंट आपके इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने का काम करता है, जो आपको सर्दी जुकाम जैसी बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है.
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