लिवर बॉडी का महत्वपूर्ण अंग है. इसके सही होने से पाचन तंत्र दुरस्त रहता है. खाना सही पचने से डाइट अच्छी होती है और आदमी भी हेल्दी होता है. डॉक्टर सलाह देते हैं कि खान बेहतर और सापफ सुथरा होना चाहिए. अधिकांश लोगों में लिवर गंदा खाना खाने, दूषित पानी पीने से प्रभावित होता है. कई बार शराब पीना भी लिवर डेमेज होने का कारण बनता है. लिवर कैंसर, लिवर सिरोसिस जैसी बीमारियां भी हो जाती हैं. अन्य बीमारियों की तरह लिवर भी इंडीकेशन देता है. हेपेटाइटिस बी भी लिवर की ऐसी ही गंभीर बीमारी है.
लिवर संक्रमित होते ही हेपेटाइटिस होना सामान्य बीमारी है. इससे लिवर में सूजन आ जाती है. हल्के बुखार जैसे लक्षण देखने को मिल सकते है. तापमान में वृद्धि के साथ-साथ थकान, सिरदर्द और जोड़ों के दर्द का भी अनुभव हो सकता है.
डॉक्टरों का कहना है कि हेपेटाइटिस बी से संक्रमित लोगों के यूरिन का रंग गाढ़ा पीला हो सकता है. मिट्टी के रंग का शौच आना भी हेपेटाइटिस बी होने का एक संकेत है. यदि ऐसे कोई लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत ही डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है.
जो व्यक्ति हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हो जाते हैं. उनके लिवर में सूजन देखने को मिलती है. लिवर सही ढंग से काम नहीं कर पाता है. इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण हो सकते हैं. उल्टी, भूख न लगना, चक्कर आना शामिल हैं.
सूजन और अन्य संक्रमण होने से बिलीरुबिन में वृद्धि होने लगती है. यह पीलिया का कारण बनती है. बिलीरुबिन ब्लड में एक रसायन होता है जोकि त्वचा को पीला कर सकता है. इससे आंख और स्किन पीली दिखने लगती हैं. हेपेटाइटिस बी और पीलिया के बीच अंतर करने के लिए, आपको अपना परीक्षण और उपचार करवाना चाहिए.
लिवर यदि अधिक संक्रमित है तो इसका असर पेट पर दिखने लगता है. भूख न लगने से वजन तेजी से घटने लगता है. वहीं, पेट में भी दर्द रहता है. लिवर को दबाने पर भी पेन महसूस होता है. डॉक्टरों का कहना है कि लक्षण दिखने पर तुरंत चेकअप कराकर इलाज कराना जरूरी है.
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