माइग्रेन के बारे में तो ज्यादातर लोग जानते हैं लेकिन आंखों के माइग्रेन के बारे में अभी उतनी जागरूकता लोगों के बीच नहीं है. इसका एक बड़ा कारण यह भी हो सकता है कि आंखों का माइग्रेन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होता है और महिलाएं अपनी सेहत को लेकर उतनी गंभीर नहीं होती हैं, जितनी गंभीर ये अपने परिवार की सेहत के लिए होती हैं.
आंखों का माइग्रेन, सिर के माइग्रेन से एकदम अलग होता है. इस समस्या के दौरान आंखों से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं लेकिन दर्द आमतौर पर इसका हिस्सा नहीं होता है.
आई माइग्रेन के दौरान कुछ समय के लिए हो सकता है आपको चीजें दिखना एकदम बंद हो जाएं. लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है.
आई माइग्रेन के लक्षण या इसका अटैक 5 से 30 मिनट तक के लिए आता है. इसके बाद चीजें एकदम सामान्य हो जाती हैं.
खुशी की बात यह है कि इस समस्या का आपकी आंखों की रोशनी पर कोई स्थायी असर नहीं पड़ता है. बल्कि सिर्फ अटैक के दौरान ही दृष्टि धुंधली होने की समस्या हो सकती है.
आंखों के माइग्रेन की मुख्य वजह आंखों से जुड़ी धमनियों में रक्त के प्रवाह की कमी मानी जाती है.
रेटिना में या आंख के पीछे रक्त वाहिकाओं में ऐंठन के कारण भी आई माइग्रेन की समस्या हो सकती है. हालांकि किसी भी स्थिति में दृष्टि का स्थायी नुकसान लगभग कभी नहीं होता है.
न्यूरोलजिकल समस्याएं भी आई माइग्रेन की वजह हो सकती हैं. साथ ही आई माइग्रेन के लक्षण भी न्यूरोलजिकल समस्याओं के रूप में सामने आ सकते हैं. हालांकि इसमें सिरदर्द को नहीं जोड़ा जाता है. यानी ये न्यूरोलजिकल लक्षण बिना सिरदर्द की समस्या के सामने आते हैं.
आई माइग्रेन के न्यूरोलजिकल लक्षण
किसी भी चीज को देखते हुए ऐसे महसूस होना जैसे आपकी आंखें या कहिए कि आपकी दृष्टि हिल रही है.
देखते समय किनारों की तरफ दांतेदार छवि का विकसित होना.
अचानक से अलग-अलग ज्योमेट्रिक शेप दिखने लगना.
अचानक से धुंधला दिखने लगना और फिर स्वयं ही सब ठीक हो जाना.
आई माइग्रेन के कारण
यदि आप पिछले कई महीनों या साल से लगातार तनाव में रह रहे हैं तो आपको आई माइग्रेन की समस्या हो सकती है.
आपका ब्लड प्रेशर लगातार अधिक रहता है, तब भी यह समस्या हो सकती है.
चॉकलेट, चीज या आर्टिफिशयल स्वीटनर्स के सेवन के बाद उन लोगों को आई माइग्रेन हो सकता है, जिन्हें इन चीजों से एलर्जी है.
डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी होने पर
ब्लड शुगर का स्तर कम रहना या अचानक से गिर जाना.
बहुत अधिक गर्मी में घंटों रहने के कारण भी यह समस्या हो सकती है.
स्मोकिंग या किसी नशे की लत छोड़ने पर शुरुआती स्तर पर आई माइग्रेन की समस्या हो सकती है, जो समय के साथ पूरी तरह ठीक हो जाती है.
आई माइग्रेन का इलाज क्या है?
आंखों का माइग्रेन जिन कारणों से होता है, उन कारणों से बचकर रहना ही इस बीमारी का सबसे बड़ा इलाज है. यदि यह समस्या विकसित हो गई है और बहुत कम समय के बाद ही आपको बार-बार आई माइग्रेन के अटैक आ रहे हैं तो आप डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.
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