तनाव को कंट्रोल करके थायरॉयड को कैसे रखें स्वस्थ? जानें एक्सपर्ट की सलाह

तनाव कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है, और यह थायरायड जैसी बीमारियों को भी बढ़ावा देता है। हाइपोथायरायडिज्म, हाइपरथायरायडिज्म, हाशिमोटो के थायरॉयडिटिस और ग्रेव्स रोग जैसे थायराइड विकार तनाव के कारण बढ़ सकते हैं। थायराइड ग्रंथि एंडोक्राइन सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो तनाव के दौरान सक्रिय हो जाता है और इसके प्रभाव से थायराइड ग्रंथि प्रभावित होती है। क्रोनिक तनाव इम्यून मॉड्यूलेशन, हार्मोनल अनबैलेंस और सूजन के कारण थायराइड को प्रभावित कर सकता है, जिससे यह समस्या और बढ़ सकती है। इसलिए तनाव को कंट्रोल करना थायरॉयड के मरीजों के लिए बहुत जरूरी हो जाता है।

क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स?
डॉ. ने बताया कि थायराइड की बीमारी के दौरान तनाव को कम करने से इस समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है। तनाव लंबे समय तक HPA (हाइपोथैलेमिक-पिट्यूटरी-एड्रेनल) को प्रभावित करता है, जिससे कोर्टिसोल के लेवल में असंतुलन हो जाता है। यह थायरोक्सिन (T4) को ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) में बदलने की प्रक्रिया को रोकता है और थायराइड हार्मोन को सक्रिय करता है, जिससे शरीर में थायरॉयड की समस्या और बढ़ सकती है।

तनाव को कैसे करें कंट्रोल?

माइंडफुलनेस
माइंडफुलनेस की नियमित प्रैक्टिस से तनाव और डिप्रेशन को कम किया जा सकता है, जो अक्सर थायरॉयड को बढ़ाते हैं। माइंडफुलनेस से आपका दिमाग शांत होता है और आप मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहते हैं।

योग और एक्सरसाइज
हल्के योगासन, खासकर गर्दन से जुड़े थायरॉयड को कम करने में मदद करते हैं। योग थायरॉयड फंक्शन को बैलेंस करने में सहायक है। नियमित एक्सरसाइज से शरीर में मेटाबॉलिज्म बढ़ता है, जिससे वजन को कंट्रोल में रखा जा सकता है और थायरॉयड की समस्या कम होती है।

सीबीटी थेरेपी
सीबीटी (Cognitive Behavioral Therapy) थेरेपी तनाव के पैटर्न को सुधारने में मदद करती है, जिससे आप तनाव से मुक्त शरीर पा सकते हैं।

डाइट में बदलाव
डाइट में बदलाव करके आप अपने दिमाग को स्वस्थ रख सकते हैं और तनाव को कम करने में मदद पा सकते हैं। फल और सब्जियां खाएं, और कैफीन से दूर रहें, इससे थायरॉयड की कार्यप्रणाली बेहतर हो सकती है।

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