हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) एक गंभीर बीमारी है, जिसे साइलेंट किलर कहा जाता है। यह सिर्फ दिल और दिमाग पर ही नहीं, बल्कि लिवर पर भी गहरा असर डालता है। लंबे समय तक हाई बीपी रहने से लिवर फाइब्रोसिस हो सकता है, जिससे लिवर डैमेज होने लगता है। अगर समय रहते इसे कंट्रोल न किया जाए, तो यह लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।
कैसे हाई बीपी लिवर को खराब करता है?
डॉक्टरों के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर लिवर में ब्लड सर्कुलेशन को बाधित करता है। जब लिवर में सही तरीके से ब्लड फ्लो नहीं हो पाता, तो स्टेलेट सेल्स (Stellate Cells) एक्टिव हो जाती हैं। ये सेल्स जरूरत से ज्यादा कोलेजन और अन्य मैट्रिक्स प्रोड्यूस करने लगती हैं, जिससे लिवर फाइब्रोसिस शुरू हो जाता है।
अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह लिवर सिरोसिस में बदल सकता है, जो लिवर के पूरी तरह खराब होने का कारण बन सकता है।
हाई बीपी से लिवर खराब होने के लक्षण
अगर आपको हाई बीपी है और निम्नलिखित लक्षण दिखने लगें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
✅ लगातार थकान और कमजोरी
✅ पेट में दर्द या असहज महसूस होना
✅ पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में भारीपन महसूस होना
✅ शरीर में सूजन (खासकर पैरों और चेहरे पर)
✅ पीलिया (आंखों और त्वचा का पीला पड़ना)
✅ बिना वजह वजन कम होना
✅ पाचन संबंधी समस्याएं और कब्ज
हाई बीपी से लिवर को बचाने के उपाय
✔ बीपी को कंट्रोल में रखें – रोजाना बीपी चेक करें और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं समय पर लें।
✔ हेल्दी डाइट अपनाएं – ज्यादा नमक और प्रोसेस्ड फूड से बचें, फल-सब्जियां और हाई-फाइबर फूड लें।
✔ शराब से दूरी बनाएं – शराब का सेवन लिवर को और ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।
✔ एक्टिव रहें – नियमित रूप से योग, एक्सरसाइज या वॉक करें।
✔ पानी खूब पिएं – लिवर को डिटॉक्स करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें।
✔ तनाव कम करें – हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए मेडिटेशन और रिलैक्सेशन तकनीकों को अपनाएं।
निष्कर्ष:
अगर आपको हाई बीपी की समस्या है, तो इसे हल्के में न लें। यह सिर्फ दिल और ब्रेन के लिए ही नहीं, बल्कि लिवर के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। समय रहते सही जीवनशैली अपनाकर और डॉक्टर की सलाह लेकर लिवर को सुरक्षित रखा जा सकता है।
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