दुनियाभर में दिल से जुड़ी बीमारी मौत का कारण बन जाती है, इसमें हृदय की मांसपेशियों से लेकर खून की नसों की बीमारी शामिल है. कार्डियोमायोपैथी दिल की मांसपेशियों की बीमारी है. इस बीमारी की शुरूआत तब होती है जब हार्ट की मसल्स कमजोर हो जाती हैं. इसमें शरीर के बाकी हिस्सों में खून को पंप करना बेहद मुश्किल होता है. इसमें हार्ट की मांसपेशियों का मोटा होना शामिल है, जो बदले में हृदय को काम करने के लिए मुश्किल बना देता है, अब आप सोच रहे होंगे कि कैसे पता चलेगा कि आपकी हार्ट की मांसपेशियां कमजोर हो रही हैं? तो इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि किस तरह हार्ट मसल्स कमजोर होने पर आपको संकेत देती है.
कार्डियोमायोपैथी के मामले में, आपके हार्ट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और आपके दिल के लिए ठीक तरह से खून को पंप करना मुश्किल हो जाता है. इससे सांस फूल सकती है. यह आराम करते समय भी हो सकता है.
हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी, ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम या ताकोत्सुबो कार्डियोमायोपैथी सहित कई तरह के कार्डियोमायोपैथी हैं – जिनमें से सभी में दिल की मांसपेशियों का कमजोर होना शामिल है. जब हार्ट की मांसपेशी कमजोर हो जाती है, तो व्यक्ति को सीने में दर्द और दबाव महसूस होने की संभावना होती है, जो दिल को खून पंप करने के लिए करना पड़ता है.
चक्कर आना तब होता है जब किसी को लगता है कि उसके चारों ओर सब कुछ घूम रहा है. आपको चक्कर आ सकता है, सिरदर्द ट्रिगर कर सकता है और आप बेहोश भी हो सकते है. मेयो क्लिनिक के अनुसार, कार्डियोमायोपैथी के कारण कमजोर हार्ट की मांसपेशियों वाले लोगों में चक्कर आना, हल्कापन और बेहोशी आम हो सकती है.
जैसा कि बताया गया है, कार्डियोमायोपैथी हार्ट की मांसपेशियों की बीमारी है, जिसमें आपका दिल ठीक तरह से आपके शरीर के बाकी हिस्सों में खून पंप नहीं कर पाता है. नतीजतन, एक व्यक्ति थकान, सांस की तकलीफ या दिल की धड़कन को महसूस कर सकता है. मेयो क्लिनिक बताते हैं कि दिल की तेज-धड़कने, फड़फड़ाने जैसा महसूस होता है. यह ज्यादा तनाव, व्यायाम के दौरान भी हो सकता है.
यह भी पढे –