स्मोकिंग से दिल की बीमारियां, उम्र के हिसाब से बचाव के उपाय

स्मोकिंग के कारण होने वाले नुकसान से आप सभी वाकिफ हैं, और यह न केवल फेफड़ों के लिए जानलेवा हो सकता है, बल्कि इससे लंग कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। लेकिन अगर हम इसके नुकसान की लिस्ट गिनाने लगें तो यह बहुत लंबी हो जाएगी। एक अध्ययन के अनुसार, स्मोकिंग से दिल पर भी बुरा असर पड़ता है और आपको दिल से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। दिल की छोटी सी समस्या भी गंभीर रूप ले सकती है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की 2023 की रिपोर्ट बताती है कि देश में 28% से ज्यादा मौतें दिल की बीमारियों के कारण होती हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि हार्ट डिजीज से जुड़ी समस्याएं अब युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही हैं। इसके पीछे मुख्य कारण लंबी बैठकी, खराब खानपान, बढ़ता मानसिक तनाव और कुछ हद तक जीन भी जिम्मेदार हैं। इसलिए, अब हर उम्र के लोगों को अपने दिल को स्वस्थ रखने पर विशेष ध्यान देना जरूरी हो गया है।

किशोरावस्था और 20 की उम्र वाले क्या करें?
किशोरावस्था से लेकर 20 की उम्र तक स्मोकिंग और नशे का दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को 4 गुना बढ़ा सकता है। इस उम्र में, आपको स्मोकिंग और अन्य नशों से बचना चाहिए। इसके अलावा, दौड़-भाग वाले खेलों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। रोजाना एक घंटे तक खेलना और संतुलित आहार लेना आपके दिल के लिए फायदेमंद होगा।

30 से 40 साल की उम्र वाले क्या करें?
करियर और परिवार के बीच बैलेंस बनाने के दौरान तनाव बढ़ जाता है, और ऑफिस में लंबी बैठने की आदत से दिल की बीमारियों का खतरा 34% तक बढ़ सकता है। इस उम्र में सेहत से जुड़े सालाना चेक-अप कराना शुरू कर दें ताकि भविष्य में होने वाली बीमारियों का पता पहले ही चल सके।

50 से 60 साल की उम्र वाले क्या करें?
इस उम्र में दिल की बीमारियों के साथ-साथ अन्य गंभीर समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है, जैसे कि डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाइपरटेंशन और मोटापा। इन समस्याओं को समय रहते ट्रैक करके आप गंभीर खतरे से बच सकते हैं।

70 साल या उससे अधिक उम्र वाले क्या करें?
बुजुर्गों में अकेलापन बढ़ता जा रहा है, और यह दिल पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। रिसर्च के मुताबिक, अकेले रहने वाले बुजुर्गों की उम्र कम हो सकती है। इसलिए, बुजुर्गों को सामाजिक रूप से सक्रिय रहना चाहिए और शारीरिक रूप से भी खुद को फिट रखना चाहिए। उम्र के हिसाब से खानपान में भी बदलाव करें।

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