गिलोय (Tinospora Cordifolia) को आयुर्वेद में “अमृता” कहा जाता है, क्योंकि यह इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में काम करता है और कई बीमारियों में फायदेमंद होता है। लेकिन, अगर इसे गलत तरीके से या कुछ खास बीमारियों में सेवन किया जाए, तो यह नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए इसे अपनाने से पहले पूरी जानकारी होना जरूरी है।
गिलोय के प्रमुख फायदे
इम्यूनिटी बूस्टर – गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर इन्फेक्शन और वायरल बीमारियों से बचाव करता है।
डायबिटीज में मददगार – यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
पाचन तंत्र सुधारता है – कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं में फायदेमंद होता है।
स्ट्रेस और एंग्जायटी कम करता है – इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
स्किन और बालों के लिए लाभकारी – यह त्वचा पर ग्लो लाने और बालों को मजबूत करने में मदद करता है।
किन बीमारियों में गिलोय का सेवन नुकसानदायक हो सकता है?
ऑटोइम्यून डिजीज वाले मरीज रहें सतर्क – रूमेटॉइड आर्थराइटिस, ल्यूपस या मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी बीमारियों में गिलोय इम्यून सिस्टम को ज्यादा एक्टिव कर सकता है, जिससे समस्या बढ़ सकती है।
डायबिटीज मरीजों के लिए अधिक सेवन खतरनाक – यह ब्लड शुगर लेवल को बहुत ज्यादा गिरा सकता है, जिससे कमजोरी और चक्कर आ सकते हैं।
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सावधानी – गर्भवती महिलाओं को बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
सर्जरी से पहले ना लें गिलोय – यह ब्लड शुगर लेवल और ब्लड क्लॉटिंग को प्रभावित कर सकता है, जिससे ऑपरेशन के दौरान समस्या हो सकती है।
गिलोय का सही सेवन कैसे करें?
गिलोय का काढ़ा या जूस – रोज़ाना 10-20ml तक सेवन करें।
गिलोय की टेबलेट या कैप्सूल – डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लें।
गिलोय पाउडर – आधा चम्मच पानी या शहद के साथ ले सकते हैं।
गिलोय सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, लेकिन हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं है। अगर आपको कोई पुरानी बीमारी है या कोई दवा ले रहे हैं, तो गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। सही मात्रा और सही तरीके से लेने पर यह आपकी सेहत को चमत्कारी लाभ दे सकता है।