काफी समय से कयास लगाए जा रहे थे कि गौतम अडानी जल्द ही एफएमसीजी कंपनी अडानी विल्मर से बाहर हो सकते हैं, और यह बात सोमवार को सही साबित हो गई। अब गौतम अडानी तेल, आटा, दाल और चावल जैसे किराना सामान नहीं बेचेंगे। अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने सोमवार को अडानी विल्मर लिमिटेड में अपनी 44 फीसदी हिस्सेदारी को पूरी तरह से बेचने का ऐलान किया। इस कदम को दो चरणों में अंजाम दिया जाएगा।
कैसे होगा हिस्सेदारी का सौदा?
अडानी पहले अपने हिस्से को विल्मर इंटरनेशनल की सहायक कंपनी लांस पीटीई लिमिटेड को बेचेंगे। इसके बाद, अडानी इंटरप्राइजेज अपनी हिस्सेदारी को बेचने के लिए फ्लैगशिप कंपनी के शेयर होल्डिंग पैटर्न के नियमों को पूरा करेगी।
कंपनी ने एक्सचेंज को सूचित किया कि 30 दिसंबर, 2024 तक लांस पीटीई लिमिटेड अडानी इंटरप्राइजेज की सहायक कंपनी अडानी कमोडिटीज एलएलपी (ACL) द्वारा रखे गए अडानी विल्मर के 31.06 फीसदी शेयरों को खरीदेगा। इस ट्रांसफर को कॉल या पुट ऑप्शन सिस्टम के जरिए पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, अडानी इंटरप्राइजेज अडानी विल्मर में अपनी लगभग 13 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर मिनिमम शेयरहोल्डिंग नॉर्म्स को पूरा करेगी।
इस डील का अनुमानित मूल्य 2 अरब डॉलर (17,000 करोड़ रुपये) के आसपास बताया जा रहा है। 27 दिसंबर, 2024 तक अडानी विल्मर का मार्केट कैप 42,785 करोड़ रुपये था।
कंपनी के शेयरों में बदलाव
इस फैसले के बाद, सोमवार को अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर में 7.65 फीसदी की तेजी देखी गई और यह 2,593.45 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। कारोबारी सत्र के दौरान, कंपनी का शेयर 2,609.85 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंचा। दूसरी ओर, अडानी विल्मर के शेयर में गिरावट देखी गई। बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, अडानी विल्मर का शेयर 0.17 फीसदी गिरकर 329.50 रुपये पर बंद हुआ, और कारोबार के दौरान यह 321.65 रुपये के निचले स्तर तक भी गिरा।
अडानी विल्मर का वर्तमान मार्केट कैप 42,824.41 करोड़ रुपये है।
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