मानसून में बार-बार सर्दी-जुकाम? आयुर्वेद के ये नुस्खे देंगे राहत

बारिश का मौसम जहां एक तरफ राहत देता है, वहीं दूसरी ओर यह मौसम सर्दी-जुकाम, बुखार और गले की खराश जैसी समस्याएं भी लेकर आता है। इस दौरान शरीर अक्सर सुस्त रहता है, तेज बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं।

लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि आयुर्वेद में मौजूद कुछ घरेलू औषधियां इन समस्याओं को जड़ से मिटाने की ताकत रखती हैं। आइए जानते हैं कुछ प्राकृतिक और असरदार नुस्खों के बारे में जो आपके घर में ही मौजूद हैं।

🌿 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां जो मानसून में बनेंगी आपकी ढाल:
1. तुलसी – रोग प्रतिरोधक शक्ति की रानी
तुलसी में मौजूद एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुण शरीर को वायरल बुखार और सर्दी से लड़ने में मदद करते हैं। यह इम्यूनिटी को बूस्ट करने में भी कारगर है।

कैसे इस्तेमाल करें?

रोजाना 4-5 तुलसी की पत्तियां उबालें और काढ़ा बनाकर दिन में 2 बार पिएं।

तुलसी की चाय भी पी सकते हैं, गले की खराश में राहत मिलेगी।

2. गिलोय – बुखार भगाने वाला अमृत
गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं। यह शरीर की गर्मी निकालकर बुखार को शांत करता है।

कैसे इस्तेमाल करें?

रोज सुबह खाली पेट 2-3 चम्मच गिलोय का रस पानी में मिलाकर पिएं।

गिलोय की डंडी को उबालकर उसका काढ़ा पीना भी फायदेमंद होता है।

3. अश्वगंधा – हर उम्र में लाभकारी
अश्वगंधा शरीर की शक्ति और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह मानसून में बार-बार होने वाले इंफेक्शन से भी बचाता है।

कैसे इस्तेमाल करें?

आधा चम्मच अश्वगंधा पाउडर पानी में उबालें।

इसमें अदरक और स्वाद के लिए थोड़ा शहद मिलाएं और धीरे-धीरे पिएं।

4. मुलेठी – खांसी का आयुर्वेदिक इलाज
मुलेठी गले की खराश, खांसी और सांस संबंधी समस्याओं में बेहद फायदेमंद है। इसमें एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं।

कैसे इस्तेमाल करें?

मुलेठी की सूखी जड़ को उबालकर उसका पानी पी सकते हैं।

इसे चाय की पत्ती में मिलाकर भी रोजाना चाय की तरह लिया जा सकता है।

✅ कुछ अतिरिक्त सुझाव:
भरपूर पानी पीएं और शरीर को हाइड्रेटेड रखें।

मसालेदार भोजन से बचें और हल्के, सुपाच्य भोजन को प्राथमिकता दें।

अच्छी नींद लें और शरीर को पर्याप्त आराम दें।

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