मजेदार जोक्स: कई महीनों से श्रीमती रेखा

कई महीनों से श्रीमती रेखा अपने पति को अपने साथ श्रीमती फ्रेडा के घर चलने के लिए मना रही थीं। “मिल्टी ‚ उसे सचमुच कोई शक्ति प्राप्त है। वो परलोक से आत्माओं को बुलाकर बातें करती है। हम सब उनसे बातें कर सकते हैं। पिछले हफ्ते मैंने अपने मां से बातें कीं। मिल्टी‚ केवल 200 रू . में तुम अपने दादाजी से बात कर सकते हो‚ जिनकी तुम हमेशा याद करते हो।

रेखा इस बार मना नहीं कर सके। और अगली बार मिल्टी फ्रेडा के घर पहुंचे और हरे रंग की मेज पर रंगीन रोशनी के नीचे बैठ गए ‚ दोनों तरफ बैठे आदमियों के हाथों में अपने हाथ थमाकर। सभी लोग बड़बड़ा रहे थे‚ “ओम ओम टंका टोम”। फ्रेडा की आंखे हवा में खो गयीं और फिर एक कांच की गेंद पर घूमने लगीं । “मेरे माध्यम‚ वास्त्री”‚ उसने पुकारा‚ “आओ। तुम्हारे साथ कौन है? श्रीमान पिट्‌जेल? रेखा के दादा?”।मिल्टन ने थूक निगला और कहा‚ “दादाजी!”। “आह मिल्टी बेटा”‚ एक महीन आवाज़ उभरी। “हां हां मैं आपका मिल्टी हूं। आप परलोक में खुश तो हैं?” “मिल्टी बेटे‚ मैं मजे में हूँ। तुम्हारी दुआओं से हम हँसते हैं‚ गाते हैं। हम भगवान के चमकते चेहरे को भी देखते हैं।” मिल्टन ने लगभग दर्जन भर सवाल और पूछे और उन्हें हर एक का जवाब मिला। आखिर में‚ “बस मिल्टी बेटे। अब मुझे जाना है। देवदूत बुला रहे हैं। बस एक और सवाल का जवाब मैं दे सकता हूं। पूछो ‚ पूछो।”

“दादाजी”‚ मिल्टन ने आह भरी‚ ” आपने हिन्दी बोलना कब सीखी?”😜😂😂😂😛🤣

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जिन्दगी पर सोचने का एक और नज़रिया

एक बार मेंने एक व्यक्ति से झूठ बोला। इस पर उसने यह कहा :-

मेरे बारे में लिए गये उसके सारे निर्णय उन शब्दों पर टिके थे जो कि मैंने उससे कहे थे। तब से मैं सच ही बोलता हूं।

एक बार मुझे मिले हुए एक उपहार से मैं खुश नहीं हुआ क्योंकि यह वैसा नहीं था जो मैं चाहता था। देने वाले ने मेरी आंखों में निराशा देखी और यह कहा :-

उसने सबसे मूल्यवान उपहारों में से इसे इसलिए चुना क्योंकि उसे लगा कि यह चीज मेरे पास होनी चाहिए। तब से हर उपहार पाकर मैं बहुत खुश होता हूं।

एक आदमी ने मुझे एक राज बताया जिसे मैंने चुपके से अपने दूसरे दोस्त को सुना दिया। अपना राज दूसरे के मुंह से सुने जाने पर उसने मुझसे कहा :-

उसका मुझे राज बताने का कारण यह था कि उसे मुझ पर भरोसा था मेरे दोस्त पर नहीं। तब से मैं किसी के विश्वास को कभी हल्की तरह से नहीं लेता।

एक बार मेंने अपनी एक दोस्त को एक उपहार दिया और वो चीख पड़ी। मैंने कहा कि यह एक मामूली उपहार है जो मैं ला पाया। उसने कहा ऐसा मेरे उपहार के कारण नहीं हुआ बल्कि इसलिए कि मैंने उसके बारे में सोचा। तब से मैं अक्सर उपहार दिया करता हूं।

एक बार मैंने एक आदमी को अपने सभी सपनों के बारे में बताया।

वो मुस्कुराया और हंसा भी फिर उसने पूछा कि क्या कभी मैंने उन्हें पूरा करने की कोई योजना बनायी है।

तब से मैंने अपने दिन अलग ढंग से बिताने शुरू किए।😜😂😂😂😛🤣

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