भारत की बढ़ती आबादी के साथ, बुजुर्गों की देखभाल परिवारों और स्वास्थ्य सेवा उद्योग के लिए एक बड़ी प्राथमिकता बनती जा रही है। इस जरूरत ने कई नए स्टार्टअप्स को जन्म दिया है जो तकनीक आधारित समाधान पेश करते हैं। अब, जो लोग अपने माता-पिता से दूर रहते हैं, वे भी डिजिटल साधनों से उनकी देखभाल कर सकते हैं।
डोजी: एआई आधारित स्वास्थ्य सेवा का उदाहरण
डोजी नाम की एक स्वास्थ्य सेवा कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिये कहीं से भी मरीजों की निगरानी की सुविधा देती है। यह प्रणाली किसी भी आपात स्थिति में मरीज के परिवार को तुरंत चेतावनी संदेश भेजती है। हाल ही में, बेंगलुरु स्थित इस कंपनी ने ‘श्रवण’ नामक एक नई प्रणाली पेश की है।
श्रवण के जरिये, दूर रह रहे बच्चे अपने बुजुर्ग माता-पिता की हृदय गति, रक्तचाप और नींद जैसी स्वास्थ्य स्थितियों की निगरानी कर सकते हैं। यह डेटा मोबाइल ऐप्लिकेशन के माध्यम से परिवारों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ साझा किया जाता है, जिसे कभी भी देखा जा सकता है।
रियल टाइम अलर्ट से स्वास्थ्य पर नजर
श्रवण रियल टाइम अलर्ट जारी करके परिवारों और विदेश में रह रहे बच्चों को अपने माता-पिता की सेहत और चिकित्सा जरूरतों की जानकारी देता है। डोजी के सह-संस्थापक मुदित दंडवते का कहना है कि परंपरागत तरीकों से बीमारी का पता लगाना कठिन हो सकता है। इसके लिए रियल टाइम डेटा बेहद जरूरी है, जिससे समय पर बीमारी का इलाज संभव हो सके।
मौजूदा व्यवस्थाओं की सीमाएं और डोजी का समाधान
कभी-कभी होने वाली स्वास्थ्य जांच, रिश्तेदारों की मदद और टेलीमेडिसिन जैसी व्यवस्थाएं आपात स्थितियों में पर्याप्त नहीं होतीं। डोजी इस कमी को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह 40 से अधिक जिलों में 200 से अधिक अस्पतालों के साथ मिलकर सेहत की निगरानी में मदद कर रही है।
काइट्स सीनियर केयर: बुजुर्गों की मदद का नया तरीका
बुजुर्गों की देखभाल में काइट्स सीनियर केयर जैसे संगठन भी बदलाव ला रहे हैं। ये परिचित और घर जैसी व्यवस्था में बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल और सहायता प्रदान करते हैं। कोलंबिया पैसिफिक कम्युनिटी और काइट्स सीनियर केयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजगोपाल जी का कहना है कि अब परिवार वृद्धाश्रम के बजाय ऐसी सेवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो बुजुर्गों को उनकी जरूरतों के अनुसार सहायता प्रदान कर सकें।
काइट्स ने अब तक 6,500 से अधिक बुजुर्गों और 2,400 वरिष्ठ नागरिकों को रिटायरमेंट होम्स के माध्यम से सेवा दी है। राजगोपाल कहते हैं कि आज के बुजुर्ग डिजिटल तकनीकों का सहज उपयोग कर रहे हैं। काइट्स उन्हें इन उपकरणों का उपयोग सिखाकर आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद कर रहा है।
नवाचार से बढ़ी उम्मीदें
डोजी और काइट्स जैसे नवाचार न केवल बुजुर्गों की सेहत पर बेहतर नजर रखने में मदद कर रहे हैं, बल्कि परिवारों और बुजुर्गों के बीच के फासले को भी कम कर रहे हैं। तकनीक और प्रौद्योगिकी बुजुर्गों के जीवन को सहज और सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
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