डायबिटीज के मरीजों को इन बातों पर कभी नहीं करना चाहिए यकीन,जानिए क्यों

ब्लड शुगर या ग्लूकोज शरीर में एनर्जी सप्लाई करने का एक जरूरी कंपोनेंट होता है. हालांकि ब्लड में शुगर की मात्रा जरूरत से ज्यादा या जरूरत से कम हो जाती है तो ये स्थिति चिंता का सबब बनती है.शुगर का लेवल ज्यादा होने पर डायबिटीज की बीमारी पैदा हो सकती है. जबकि शुगर लेवल कम होने पर हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है. ये दोनों ही स्थिति स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं. इनसे पीड़ित मरीजों को अपने खानपान का खास ध्यान रखता होता है. क्योंकि एक छोटी सी लापरवाही भी जिंदगी पर भारी पड़ सकती है.

ब्लड शुगर को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह की भ्रांतियां हैं, जिनसे छुटकारा पाना बहुत जरूरी है. क्योंकि ये भ्रांतियां स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. हम यहां आपको ब्लड शुगर से जुड़े 4 मिथकों के बारे में बताने जा रहे हैं.

माना कि चीनी ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ा देती है. लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि डायबिटीज के मरीजों को हर तरह की चीनी छोड़ देनी चाहिए. कुछ मीठे फल ऐसे होते हैं, जिन्हें डायबिटीज के मरीज सीमित मात्रा में खा सकते हैं.

सिर्फ ज्यादा वजन वाले लोगों में ही डायबिटीज के पैदा होने का खतरा नहीं होता है, बल्कि ये बीमारी उन लोगों को भी हो सकती है, जिनका लाइफस्टाइल खराब है और खानपान अच्छा नहीं है या फिर वे अनहेल्दी चीजें ज्यादा खाते हैं. इसके अलावा, डायबिटीज के कुछ फैक्टर- अनुवांशिकता और उम्र भी हैं. जरूरी नहीं है कि सिर्फ मोटापा ही डायबिटीज की बीमारी को पैदा करे.

अगर आपको ऐसा लगता है कि लो ब्लड शुगर होना चिंता की बात नहीं है तो हम बता दें कि ये एक खतरनाक स्थिति है, जिसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. लो ब्लड शुगर लेवल को हाइपोग्लाइसीमिया भी कहा जाता है. डायबिटीज की तरह ही हाइपोग्लाइसीमिया भी चिंता का मुद्दा है.

फलों में नेचुरल शुगर होता है, जिससे ब्लड शुगर का लेवल बढ़ सकता है. हालांकि, इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों को सभी फलों से परहेज करना चाहिए. फलों को खाने से शरीर की विटामिन, मिनरल्स और फाइबर की जरूरत पूरी होती है.

यह भी पढे –

जानिए क्यों सेट पर गुलशन ग्रोवर से आज भी डरते हैं लोग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *