GURGAON, INDIA NOVEMBER 5: Due to weather changes the city came under a thick blanket of smog on November 5, 2013 in Gurgaon, India. The Met Office has forecast a cloudy day. The city experienced similar weather on Monday and the maximum temperature was recorded two notches below the season's average at 28.3 degrees Celsius, while the minimum was 12.6 degrees Celsius- three notches below the season's average. (Photo by Manoj Kumar/Hindustan Times via Getty Images)

दिल्ली-प्रदूषण : सुप्रीम कोर्ट का पांच राज्यों को पराली जलाने को रोकने का आदेश

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ‘जानलेवा’ प्रदूषण के मद्देनजर मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकारों को पराली जलाने पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की पीठ ने संबंधित सरकारों से कहा कि उसे या तो बलपूर्वक कार्रवाई करके या प्रोत्साहन के जरिए पराली जलाने से रोकना होगा।
पीठ ने पराली जलाने पर रोक के अमल के लिए स्थानीय थाना प्रमुख को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और मुख्य सचिव की निगरानी में निर्देश को लागू करने के लिए जिम्मेदार बनाया।

पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह, गोपाल शंकरनारायणन और न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह तथा अन्य की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया।

पीठ ने अपने आदेश में कहा,“पराली जलाना प्रदूषण का बड़ा हिस्सा है। इसे रोकना चाहिए। यह एक प्रमुख मुद्दा और प्रदूषण के लिए जिम्मेवार है। धान की खेती एक समस्या है। तुरंत कुछ किया जाना चाहिए। यह फसल राज्य के जल स्तर को भी नष्ट कर रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य की वजह से दूसरे राज्यों से अनाज की तस्करी हो रही है।”

शीर्ष अदालत ने कहा,“हम चाहते हैं कि इस मुद्दे को कल सुलझा लिया जाए, ताकि अगले साल इसकी पुनरावृत्ति न हो।”

पीठ ने यह भी कहा कि पराली जलाने और वाहन प्रदूषण के अलावा समस्या के कई महत्वपूर्ण बिंदु हैं।

शीर्ष अदालत ने बुधवार को सभी हितधारकों की एक बैठक बुलाने का आदेश दिया। वजह यह कि अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को करने का निर्णय लिया है।

पीठ ने कहा,“दिल्ली के निवासी पीड़ित हैं क्योंकि हम इस अवधि में गंभीर समस्या का समाधान ढूंढने में विफल रहे हैं।”

शीर्ष अदालत ने कहा,“यह पांच साल से चल रहा है। अब कुछ करने का समय है। इस मामले पर तत्काल ध्यान देने और अदालत की निगरानी की जरूरत है।”
शीर्ष अदालत के समक्ष पंजाब सरकार ने कहा कि किसानों को संबंधित मशीन खरीदने के लिए वह 25 फीसदी लागत वहन करने के लिए तैयार है। इतनी ही राशि दिल्ली द्वारा वहन किया जा सकता है और केंद्र को 50 फीसदी प्रदान करना चाहिए। इसमें कहा गया है कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि लागत केंद्र द्वारा वहन न की जाए।

श्री मेहता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के सुझाव का जिक्र किया कि कोई ऐसा घोल छिड़का जा सकता है जो पराली को उर्वरक में बदल दे। उन्होंने कहा,“उन्हें यह बताने दीजिए कि यह प्रभावी है या नहीं।”

– एजेंसी