दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने त्योहारों से पहले श्रमिकों को बड़ा तोहफा दिया है. श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में सरकार ने इजाफा करने का ऐलान किया है. सीएम आतिशी ने कहा कि 2013 में अनस्किल्ड लेबर का न्यूनतम वेतन 7 हजार 722 रुपये था. अब 18 हजार 66 कर दिया गया है. इसके साथ ही सेमीस्किल्ड लेबर का न्यूनतम वेतन 19 हजार 929 और स्किल्ड लेबर का न्यूनतम वेतन 21 हजार 917 कर दिया गया है.
सीएम आतिशी ने कहा कि पिछले 10 साल में पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली के लोगों की सहूलियत देने के लिए काम किया गया है. दिल्ली के लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने लगातार काम किया है. सरकार ने श्रमिकों के न्यूनतम वेतन को अधिकतम तक पहुंचाया है.
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2017 में जब दिल्ली सरकार ने न्यूनतम वेतन बढ़ाने की बात की तो भारतीय जनता पार्टी ने अपने एलजी से इस प्रस्ताव को पास नहीं होने दिया. इसके बाद कोर्ट जाकर इसे लागू करवाया. साथ ही ये भी नियम रखा कि जिस तरह से अधिकारियों का साल में दो बार डीए रहता है, वैसे ही श्रमिकों का भी वेतन बढ़े. बीजेपी गरीब विरोधी है. वो दिल्ली में तो न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी रोकती है. इतना ही नहीं जहां बीजेपी की सरकारें हैं, वहां भी रोकती है.
श्रमिकों को इस तोहफे के साथ ही दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार हरियाणा चुनाव के बाद महिलाओं को एक हजार रुपये देने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना लागू कर सकती है. मंगलवार को अधिकारियों ने बताया था कि मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के लिए कागजी कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है. जल्द ही होने वाली आतिशी सरकार की पहली मंत्रिमंडल बैठक में इसे पेश किया जा सकता है.
योजना का प्रस्ताव वित्त, विधि और राजस्व सहित संबंधित विभागों के पास भेजा जाएगा. इसके बाद मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. इसको मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद उपराज्यपाल की स्वीकृति की भी जरूरत होगी. पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि जेल से बाहर आने के बाद महिलाओं को एक हजार रुपये दिए जाएंगे.
केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद आतिशी के मुख्यमंत्री बनते ही इस योजना को लागू करने की तैयारी तेज है. महिला एवं बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को एक हजार रुपये देने के वादे की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. जल्द ही इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा.