डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड ने सोमवार को कहा कि वह देश में लिथियम सहित महत्वपूर्ण खनिजों से संबंधित आंकड़ों का आकलन कर रही है और सकारात्मक मूल्यांकन होने पर वह अन्वेषण या खोज लाइसेंस मांग सकती है।
सरकार ने पिछले साल दो लिथियम ब्लॉक एवं अन्य महत्वपूर्ण खनिजों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की थी।
सोने की खदान का संचालन करने वाली कंपनी डेक्कन गोल्ड माइंस ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा, ”महत्वपूर्ण खनिजों का कारोबार खड़ा करने की रणनीति के तहत कंपनी निकेल, तांबा, ग्रेफाइट और लिथियम परियोजनाओं पर आंकड़ों की समीक्षा कर रही है। कंपनी सकारात्मक तकनीकी मूल्यांकन होने पर लाइसेंसों को सुरक्षित कर सकती है।”
इस घोषणा के बाद बीएसई पर कंपनी के शेयर 4.99 प्रतिशत बढ़कर 130.55 रुपये पर पहुंच गए।
डेक्कन गोल्ड माइन्स लिमिटेड (डीजीएमएल) बीएसई पर सूचीबद्ध और सोने का अन्वेषण करने वाली पहली कंपनी है। इसकी जियोमिसोर सर्विसेज इंडिया लिमिटेड में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है जो आंध्र प्रदेश के जोनागिरी में निजी क्षेत्र की पहली सोने की खदान विकसित कर रही है।
कंपनी ने अपनी जोनागिरी खदान परियोजना के बारे में कहा कि 210.6 एकड़ भूमि का अधिग्रहण पहले ही हो चुका है और अगले महीने के अंत तक अतिरिक्त 40 एकड़ जमीन भी हासिल करने के प्रयास चल रहे हैं।
कंपनी ने कहा कि जोनागिरी खनन पट्टा क्षेत्र के पूर्वी ब्लॉक में खुले गड्ढे में खनन कार्य प्रगति पर है, उत्पादित अयस्क को मिनी प्रसंस्करण संयंत्र में डाला जा रहा है और पूर्ण क्षमता वाले प्रसंस्करण संयंत्र को कच्चा माल मुहैया कराने के लिए अयस्क को भी जमा किया जा रहा है।
डेक्कन गोल्ड माइंस ने कहा, ”इस प्रसंस्करण संयंत्र का 60 प्रतिशत से अधिक निर्माण सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है।”
– एजेंसी