नयी दिल्ली (एजेंसी/वार्ता): ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को जन जन तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस 26 जनवरी के बाद दो महीने तक ब्लॉक स्तर पर ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ पदयात्रा निकालेगी जिसमें माध्यम से भारत जोड़ो के संदेश को घर घर तक पहुंचाया जाएगा।
कांग्रेस मुख्यालय में इस संबंध में शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे की अध्यक्षता में प्रदेश अध्यक्षों, राज्यों में कांग्रेस विधायक दल के नेताओं तथा प्रदेश प्रभारी महासचिवों की बैठक हुई जिसमें लगभग सभी प्रदेशों के नेता शामिल हुए। बैठक ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान को लेकर आयोजित की गई। यह अभियान 26 जनवरी को भारत जोड़ो यात्रा के समापन के बाद शुरु किया जाएगा।
पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल तथा राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बैठक के बाद पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत जोड़ा यात्रा पहले एक यात्रा के रूप में शुरु हुई, फिर एक अभियान बनी और अब आंदोलन बन गया है। भारत जोड़ो आंदोलन पूरे देश में चल रहा है और अब पूरा देश इस यात्रा से जुड़ गया है। हर जगह लाखों लोग भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का व्यापक संदेश देश में पहुंच चुका है और इस यात्रा के जरिए जो गतिशीलता आई है वह यात्रा समाप्त होने के बाद खत्म नहीं हो इस पर ध्यान देना जरूरी है और इसका संदेश घर घर पहुंचे इसके लिए यात्रा की समाप्ति के बाद 26 जनवरी से हाथ से हाथ जोड़ा अभियान शुरु किया जाएगा। यह एक तरह की यात्रा होगी जिसे हर ब्लॉक पर दो महीने तक चलाया जाएगा।
इससे पहले श्री खडगे ने बैठक की शुरुआत करते हुए कहा “प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों तथा विधायक दलों के नेताओें के साथ मेरी यह पहली अनौपचारिक बैठक है। यह बैठक “हाथ से जोड़ो हाथ” अभियान के संबंध में बुलाई गई है लेकिन इससे पहले मैं कुछ ज़रूरी बातें आपको बताना चाहता हूँ। आज ही संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हुआ। जनता के मुद्दों को हम लोगों ने अपने स्तर पर उठाने का हर संभव प्रयास किया।”
उन्होंने कहा कि देश में राष्ट्रीय सुरक्षा, महंगाई तथा बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है लेकिन सरकार इस पर कोई चर्चा ही नहीं करती और किसी सवाल का जवाब नहीं देती है। उनका कहना था कि कांग्रेस संसद में जनता के मुद्दों को उठाना चाहते थे और सबने अपने स्तर पर इन मुद्दों को उठाने का भी प्रयास किया लेकिन सरकार ने जनता के मुद्दों को सुनने से इनकार कर दिया।
खडगे ने कहा “संसद सत्र के दौरान हमने संसद के कामकाज में सुचारू संचालन में सहयोग दिया और उसमें कोई रुकावट नहीं आया। पिछले सत्रों में सरकार हमें संसद नहीं चलने देने के लिए ज़िम्मेदार ठहराती रही है। क्योंकि जनता के मुद्दों को ले कर हमारे साथी अड़ जाते थे।”
उन्होंने कांग्रेस नेताओं को सक्रियता के साथ काम करने का आह्वान किया और कहा कि किसी नेता की पदाधिकारी के रूप में निुयक्ति शोभा के लिए नहीं होगी यह सभी पदाधिकारियों को समझ लेना चाहिए। उनका कहना था कि हर व्यक्ति के काम की समीक्षा होगी और हर छह महीने में वह खुद इस मामले में समीक्षा करेंगे इसलिए सभी पदाधिकारियों को पूरी ताकत के साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा।
उन्होंने कहा “ऐसा न हो कि नियुक्तियां केवल शोभा की वस्तु बन कर रह जाये और पार्टी को फायदा न हो। इस कारण आप सभी से कहना चाहता हूँ कि सभी नियुक्तियों के 6-6 महीने बाद उस पदाधिकारी के कार्य का आकलन जरूर करें और आवश्यक हो तो इन नियुक्तियों पर पुनर्विचार भी करें।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पदाधिकारियों की नियुक्तियों में सभी वर्गों को जगह दी जाएगी। उन्होंने कहा “अभी प्रदेशों में ब्लॉक और ज़िला स्तर पर नियुक्तियाँ होनी हैं। प्रदेश समितियों के गठन में इस बात पर विशेष ध्यान रहे कि सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व ज़रूर हो, जिससे हर व्यक्ति अपने आप को पार्टी से जुड़ा हुआ महसूस करेंगेे।
नियुक्तियों में ख़ास तौर पर मेरिट और वफ़ादारी का ध्यान जरूर रखें। योग्य और क्षमतावान पदाधिकारी अपने साथ योग्य व्यक्तियों को जोड़ेगा। इससे संगठन कारगर और मज़बूत बनेगा। व्यक्तिगत पसंद- नापसंद के आधार पर होनेवाली नियुक्तियां संगठन को इस तरह से खोखला बना देती हैं कि हमें पता भी नहीं चलता। इससे सच्चे और समर्पित कार्यकर्ताओं में को निराशा और उदासीनता पैदा होती है।”
-एजेंसी/वार्ता