डायबिटीज के मरीजों को अपने स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखने की जरूरत होती है. चीनी के कम इस्तेमाल से लेकर खानपान तक इस बीमारी के रोगियों को काफी परहेज करना पड़ता है. क्योंकि एक छोटी सी गलती भी इस बीमारी को बड़ा और खतरनाक बना सकती है. डायबिटीज के अधिकतर मरीजों को लगता है कि चीनी की मात्रा कम या बिल्कुल खत्म कर देने से सबकुछ ठीक हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है. आपको इससे बचाव के लिए अपनी कई आदतों में भी बदलाव करना होगा, जैसे धूम्रपान यानी स्मोकिंग को छोड़ना.
मधुमेह यानी डायबिटीज के लिए परहेज करना एक चुनौतीपूर्ण काम है. हालांकि इससे पीड़ित मरीज अगर धूम्रपान करते हैं तो यह उनकी स्थिति को और जटिल बना सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि निकोटिन आपके शरीर को इंसुलिन के लिए और प्रतिरोधी बना देता है. आपके ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ाता है और इसे मैनेज करना और कंट्रोल करना भी ज्यादा कठिन कर देता है. स्मोकिंग से शरीर पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों की लिस्ट पहले से ही काफी लंबी है. लेकिन अगर डायबिटीज के मरीज भी स्मोकिंग करते हैं तो यह लिस्ट और ज्यादा लंबी हो जाती है.
अंजलि मुखर्जी ने यह भी बताया कि डायबिटीज एक ‘लाइफ लॉन्ग कंडिशन’ है, जिसके कारण शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. न्यूट्रिशनिस्ट ने कहा कि शोध से पता चला है कि सिगरेट और तम्बाकू का सेवन डायबिटीज के रोगियों की धमनियों को सख्त करने का काम करता है, जिसकी वजह से इससे होना वाला नुकसान दोगुना हो सकता है.
मुखर्जी ने लिखा, ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ मेडिसिन एंड डायबिटीज में पब्लिश रिसर्च ने ग्लूकोज इंटॉलरेंस और बिगड़ा हुआ फास्टिंग ग्लूकोज जैसी ग्लूकोज से जुड़ी असामान्यताओं के लिए धूम्रपान को जोखिम बताया है.’ धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में टाइप-2 डायबिटीज पैदा होने का 44 प्रतिशत जोखिम ज्यादा होता है.
यह भी पढे –