अकासा एयर के सीईओ ने कहा – भारत में हवाई किराये अन्य देशों की तुलना में काफी कम

लगभग दो साल पुरानी एयरलाइन कंपनी अकासा एयर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय दुबे का मानना है कि भारत में हवाई किराये ‘अविश्वसनीय रूप से किफायती’ हैं। उन्होंने कहा कि देश के विमानन बाजार में विकास की ऐसी संभावनाएं हैं जहां अकासा एयर के साथ-साथ अन्य एयरलाइन कंपनियां भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं।

अकासा एयर 28 मार्च से मुंबई से दोहा के लिए पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान की तैयारी में है। दुबे ने कहा कि एयरलाइन ‘मार्केटिंग’ के लिए चीजें नहीं करती। ”हमारा लक्ष्य 2030 तक दुनिया की शीर्ष 30 एयरलाइन में शामिल होना है। हम भविष्य में सूचीबद्धता के लिए तैयार हैं।”

दुबे ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा, ”हमें लगता है कि हमारा वित्तीय भविष्य बहुत अच्छा है। भविष्य में हम सूचीबद्धता के लिए जाएंगे। हमें उम्मीद है कि किसी दिन हम सूचीबद्ध होंगे।”

उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि विमानन क्षेत्र में हमेशा गहन प्रतिस्पर्धा रही है। जबतक कि हम बुनियादी बातों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, तो भविष्य में न केवल अकासा एयर के लिए बल्कि दूसरों के लिए भी आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त गुंजाइश है।

एयरलाइन के संस्थापक एवं सीईओ ने कहा, ”हम भारत में जो वृद्धि देख रहे हैं, ऐसा नहीं है कि यदि दूसरा खराब प्रदर्शन करेगा तभी अकासा का प्रदर्शन अच्छा होगा। अकासा भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है और अन्य भी। भारत में इसी तरह की वृद्धि देखी जा रही है।”

अकासा एयर ने अगस्त, 2022 में परिचालन शुरू किया था। आज इसके बेड़े में 24 विमान हैं। घरेलू बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी 4.5 प्रतिशत है।

हवाई टिकट कीमतों के बारे में एक सवाल पर दुबे ने कहा कि भारत में कुछ सबसे सस्ते हवाई किराये हैं।

भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से है। यात्रियों की संख्या बढ़ने और पहली बार यात्रा करने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए यह मूल्य की दृष्टि से सबसे संवेदनशील बाजारों में है। त्योहारों के समय किरायों में बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई जाती रही है।

दुबे ने कहा, ”मुझे लगता है कि भारत में हवाई किराया दुनिया में सबसे सस्ता है। जब आप भारतीय हवाई किराये की तुलना यूरोप, पूर्वी एशिया, उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों से करते हैं, तो आप पाएंगे कि भारत में कुछ सबसे किफायती हवाई किराये हैं। हवाई किराये में यह अंतर सिर्फ 10 या 100 रुपये का नहीं, काफी बड़ा होता है।”

दुबे ने कहा कि एयरलाइन में पायलटों की कोई कमी नहीं है और उड़ान में कोई बाधा नहीं आएगी।