कटने पर खून नहीं रुकता? ये हो सकता है हीमोफीलिया, जानें इसके लक्षण!

हीमोफीलिया एक दुर्लभ लेकिन गंभीर रक्तस्राव विकार है, जिसमें शरीर में खून जमाने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में मामूली चोट, कट लगना या कोई सर्जरी भी गंभीर रक्तस्राव का कारण बन सकती है।

हीमोफीलिया क्या है?

हीमोफीलिया एक अनुवांशिक (जिनेटिक) रोग है, जिसमें खून को जमाने वाले विशेष प्रोटीन (क्लॉटिंग फैक्टर्स) की कमी हो जाती है। इस कारण खून बहना देर तक चलता रहता है और रुकने में समय लगता है।

इसके प्रमुख लक्षण:

  • मामूली कट या चोट लगने पर भी खून देर तक बहना

  • त्वचा के नीचे नीले या काले धब्बे (ब्रूज़) पड़ना

  • जोड़ों में सूजन, दर्द और जकड़न

  • पेशाब या मल में खून आना

  • बार-बार नकसीर आना

  • बिना चोट के भी खून बहना

हीमोफीलिया के प्रकार:

  1. हीमोफीलिया A: फैक्टर VIII की कमी

  2. हीमोफीलिया B: फैक्टर IX की कमी

निदान कैसे किया जाता है?

हीमोफीलिया का पता रक्त परीक्षण द्वारा लगाया जाता है, जिसमें खून के क्लॉटिंग फैक्टर्स की मात्रा मापी जाती है। जिनके परिवार में पहले से यह रोग हो, उन्हें समय-समय पर जांच करवाते रहना चाहिए।

उपचार:

इस बीमारी का पूर्ण इलाज संभव नहीं है, लेकिन समय पर इलाज और सावधानी बरतने से रोगी सामान्य जीवन जी सकता है। इलाज के अंतर्गत फैक्टर रिप्लेसमेंट थेरेपी दी जाती है, जिससे शरीर में क्लॉटिंग फैक्टर्स की भरपाई की जाती है।

बचाव और सावधानियां:

  • खेल या गतिविधियों में सुरक्षा उपाय अपनाएं

  • खून पतला करने वाली दवाएं बिना डॉक्टर की सलाह के न लें

  • चोट लगने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

अगर बार-बार या बिना कारण खून बहने की समस्या हो, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह हीमोफीलिया का संकेत हो सकता है। समय पर जांच और सही इलाज से इस स्थिति को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है।