भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वयोवृद्ध नेता एवं पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्य बी एस येदियुरप्पा ने बृहस्पतिवार को कहा कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री डी वी सदानंद गौड़ा को भाजपा नेतृत्व ने इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहा था, इसी कारण गौड़ा ने चुनावी राजनीति छोड़ने का फैसला किया।
अचानक हुए एक राजनीतिक घटनाक्रम के तहत पूर्व केंद्रीय मंत्री गौड़ा ने बुधवार को घोषणा की कि उन्होंने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का फैसला कर लिया है।
बेंगलुरु उत्तर से लोकसभा सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री की इस घोषणा को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
गौड़ा के इस कदम को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सदानंद गौड़ा को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से निर्देश मिले हैं। वह पार्टी की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेंगे, लेकिन उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। ’’
यह पूछे जाने पर कि क्या गौड़ा का फैसला उन संकेतों के बाद आया है, जिसमें
उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं मिलने की आशंका जताई जा रही है और यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उन्हें नजरअंदाज कर रहा है येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘ उन्हें (गौड़ा) सीधे तौर पर कहा गया है कि वह इस बार चुनाव न लड़ें। इसलिए, उन्होंने कहा है कि पार्टी की ओर से उन्हें कई जिम्मेदारियां मिली हैं और पार्टी की ओर से कोई कमी नहीं रखी गई है तथा वह पार्टी की गतिविधियों में शामिल रहेंगे।’’
गौड़ा ने जून में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से कुछ हलकों में उन अटकलों का जवाब देने का आग्रह किया था कि उनके सहित भाजपा के 13 मौजूदा सांसदों को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के टिकट नहीं मिलेंगे।
गौड़ा ने हाल ही में जनता दल (सेक्युलर) के साथ गठबंधन करने से पहले कर्नाटक के नेताओं से परामर्श नहीं करने के लिए पार्टी नेतृत्व के सामने नाराजगी जाहिर करने की भी कोशिश की थी।
उन्होंने कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता की नियुक्ति में देरी होने पर भी अपना रोष प्रकट किया था।
गौड़ा ने जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में रसायन और उर्वरक मंत्री रहने के अलावा, गौड़ा ने रेलवे, कानून और सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन जैसे विभाग भी संभाले हैं।
गौड़ा ने बृहस्पतिवार को भाजपा के मांड्या स्थित जिला मुख्यालय में कहा कि पार्टी ने उन्हें पिछले 30 वर्षों में विभिन्न जिम्मेदारियां दी हैं और राजनीति के क्षेत्र में आगे बढ़ने के उन्हें पर्याप्त अवसर दिए हैं और अब उनका यह कर्तव्य है कि वे पार्टी में आने वाले युवाओं को अवसर दें।
सदानंद गौड़ा ने कहा, ‘‘ मैं पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव और उपाध्यक्ष रहा हूं, मैं प्रदेश अध्यक्ष रहा और मैंने पार्टी को सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई। केंद्र में मोदी सरकार में सात साल तक मंत्री भी रहा। मैं कर्नाटक में मुख्यमंत्री, विपक्ष का नेता (विधानसभा में), विपक्ष का उपनेता (विधानसभा में) रहा हूं। पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया है। ’’
उन्होंने कहा कि पार्टी में उन्हें जो भी जिम्मेदारियां दी जाएंगी वह उन्हें निभाने के लिए तैयार हैं।
– एजेंसी