भगवंत सिंह मान को सिख मामलों में हस्तक्षेप न करें: भाई ग्रेवाल

शिरोमणि कमेटी के महासचिव भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने मंगलवार को कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा सिख संगत को गुरुद्वारों में गोलक में दान डालने से रोकने का वयान उनकी बौद्धिक दरिद्रता को दर्शाता है।

श्री ग्रेवाल ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा सिखों के धार्मिक संगठन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को तोड़ने की कोशिश की, दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के नेता भी उनके पदचिह्नों पर चल रहे हैं और संगठन को आर्थिक रूप से कमजोर करने की राह पर हैं। उन्होने कहा कि भगवंत सिंह मान की गुररुद्वारों की गोलकों (दानपेटियां) संबंधी व्यंग्यात्मक टिप्पणी मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति को शोभा नहीं देती, इसलिए उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
भाई ग्रेवाल ने कहा कि सोशल मीडिया पर भगवंत सिंह मान का यह वीडियो सामने आने पर संगत की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, जिसके लिए श्री मान को माफी मांगनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि जिस काम को करने में सरकारें विफल रहीं, वह सिख संगठनों ने संगत के गुरु घर में चढ़ावे से किया है। कोविड के दौरान सरकारों से ज्यादा शिरोमणि कमेटी और अन्य सिख संगठनों और संगत ने मानवता की बड़ी सेवा की है। शिरोमणि समिति ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए हैं।

महासचिव ने कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना के संबंध में श्री मान विवादित बयान दे रहे हैं, उसके लिए भी वह गुरु घर की संपत्ति का उपयोग करना चाहते हैं। उन्होंने भगवंत सिंह मान को सिख मामलों में हस्तक्षेप न करने की सलाह दी, क्योंकि उन्हें सिखों से कोई सरोकार नहीं था।

-(एजेंसी/वार्ता)

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