यूरिक एसिड कंट्रोल करने के आयुर्वेदिक तरीके, अब दर्द को कहें अलविदा

आजकल यूरिक एसिड बढ़ना एक आम समस्या बनती जा रही है। यह समस्या अगर समय पर कंट्रोल न की जाए, तो यह शरीर के जोड़ों में सूजन, तेज़ दर्द और इम्यूनिटी की कमजोरी का कारण बन सकती है। जब यूरिक एसिड बढ़ता है तो यह क्रिस्टल्स के रूप में उंगलियों के जोड़ में जमा हो जाता है, जिससे चलना-फिरना तक मुश्किल हो सकता है।

अधिकतर लोग इस समस्या से राहत पाने के लिए दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन कई बार इनसे तुरंत फायदा नहीं मिलता। ऐसे में कुछ प्राकृतिक औषधीय मसाले और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां कारगर हो सकती हैं, जो बिना साइड इफेक्ट यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकती हैं।

🌱 यूरिक एसिड कम करने में सहायक आयुर्वेदिक उपाय
1. पुनर्नवा का काढ़ा (Punarnava Kadha)
पुनर्नवा एक आयुर्वेदिक औषधि है जो जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती है। यह शरीर से तरल पदार्थ और टॉक्सिन्स को पेशाब के जरिए बाहर निकालने में सहायक है। रोजाना इसका सेवन यूरिक एसिड को नैचुरल तरीके से कंट्रोल करता है।

2. गुगुल (Guggul)
गुगुल एक शक्तिशाली प्राकृतिक पेनकिलर माना जाता है। यह जोड़ो की सूजन और दर्द को कम करता है और यूरिक एसिड को संतुलित रखने में मदद करता है। आयुर्वेद में गुगुल का प्रयोग कई औषधियों में किया जाता है।

3. गुडुची (Guduchi)
गुडुची, जिसे अमृता भी कहा जाता है, वात और पित्त दोष को संतुलित करती है। यह खून से यूरिक एसिड को साफ करने और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होती है। इससे बनने वाला अमृतादि गुग्गुल यूरिक एसिड कम करने में बेहद प्रभावी है।

4. मुस्ता जड़ी-बूटी (Musta Herb)
मुस्ता एक प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करती है। इसका पाउडर रातभर पानी में भिगोकर सुबह उबालकर पीने से जोड़ों की परेशानी में राहत मिलती है।

5. शुंठी और हल्दी का पेस्ट (Shunthi & Turmeric Paste)
शुंठी (सूखी अदरक) और हल्दी दोनों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इनका पेस्ट बनाकर जोड़ों पर लगाने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है। यह एक आसान घरेलू उपाय है।

✔️ निष्कर्ष:
यूरिक एसिड की समस्या को केवल दवाओं पर निर्भर रहकर नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और घरेलू नुस्खों की मदद से भी नियंत्रित किया जा सकता है। ये उपाय न केवल सुरक्षित हैं बल्कि लंबे समय तक लाभ देने वाले भी हैं। थोड़ा सा अनुशासन और नियमितता इस समस्या को जड़ से खत्म कर सकता है।

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