डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। ऐसे में मीठा खाने वालों के लिए सबसे बड़ा सवाल होता है — अब मीठा कैसे खाएं? क्या चीनी का विकल्प जैसे गुड़ या शहद अपनाया जा सकता है? आइए जानते हैं कि डायबिटीज के मरीजों के लिए इनमें से कौन-सा विकल्प बेहतर है।
क्यों चीनी से परहेज ज़रूरी है?
चीनी (सुखी शक्कर) प्रोसेस्ड और रिफाइंड होती है, जो शरीर में बहुत तेज़ी से ग्लूकोज़ में बदल जाती है। इसका सेवन डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर लेवल को अचानक बढ़ा सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यही कारण है कि डायबिटीज में चीनी पूरी तरह छोड़ना ही समझदारी है।
गुड़: क्या यह सुरक्षित है?
गुड़ को अक्सर एक “प्राकृतिक” विकल्प माना जाता है, क्योंकि यह शक्कर की तुलना में कम प्रोसेस्ड होता है और इसमें आयरन, मिनरल्स और कुछ एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। लेकिन यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि गुड़ भी शक्कर की ही एक रूप है।
- ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) गुड़ का भी ज़्यादा होता है, जो ब्लड शुगर को तेज़ी से बढ़ा सकता है।
- डायबिटिक मरीजों को गुड़ का सेवन सीमित मात्रा में या डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
शहद: मीठा और हेल्दी?
शहद में एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, और यह प्राकृतिक रूप से प्राप्त होता है। लेकिन इसमें फ्रक्टोज़ और ग्लूकोज़ दोनों होते हैं, जो ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकते हैं।
- कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि शहद ब्लड शुगर पर चीनी से थोड़ा कम असर डालता है, लेकिन फिर भी यह ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है।
- शहद का उपयोग भी बहुत नियंत्रित मात्रा में किया जाना चाहिए, और केवल तब जब डायबिटीज नियंत्रण में हो।
निष्कर्ष: क्या चुनें?
- गुड़ और शहद दोनों ही मीठे हैं और ब्लड शुगर को बढ़ा सकते हैं।
- यदि डायबिटीज नियंत्रण में है और डॉक्टर से अनुमति हो, तो शहद को गुड़ की तुलना में थोड़ा बेहतर विकल्प माना जा सकता है — लेकिन वह भी सीमित मात्रा में।
- आदर्श स्थिति में, डायबिटीज मरीजों को किसी भी प्रकार के मीठे पदार्थ से जितना हो सके परहेज करना चाहिए।
हर व्यक्ति की डायबिटीज की स्थिति अलग होती है। इसलिए किसी भी प्रकार का मीठा पदार्थ शामिल करने से पहले डायटीशियन या डॉक्टर से सलाह लेना अनिवार्य है। सेहत से समझौता न करें, जानकारी से सावधानी रखें।