दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) से दिल्ली जल बोर्ड के रिकॉर्ड के ऑडिट का आदेश दिया गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई अनियमितता हुई है या नहीं।
केजरीवाल ने पत्रकारों से कहा कि धन जारी नहीं होने की स्थिति में आगामी दिनों में दिल्ली में पानी एवं सीवेज संबंधी संकट पैदा हो सकता है।
कुछ हफ्ते पहले दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने दावा किया था कि वित्त विभाग द्वारा दिल्ली जल बोर्ड को धनराशि रोके जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी ‘मानव निर्मित जल संकट’ से जूझ रही है और उन्होंने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी।
केजरीवाल ने बुधवार को कहा, ”हमने दिल्ली जल बोर्ड के पिछले 15 साल के रिकॉर्ड का कैग से ऑडिट करने का आदेश दिया है। कैग एक तीसरी पार्टी और देश की सबसे बड़ी एजेंसी है। चीजें अब स्पष्ट हो जाएंगी।”
उन्होंने कहा, ”अगर किसी ने अनियमितता की है तो उसे सजा मिलनी चाहिए। अगर कोई अनियमितता नहीं हुई है तो बेबुनियाद आरोप लगाने वालों को पता चल जाएगा।”
दिल्ली जल बोर्ड में कोष संकट और जारी कार्यों पर इसके संभावित प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ”अगर नौकरशाही सरकार के प्रति जवाबदेह नहीं होगी, तो सरकार चलाना असंभव होगा। कोष जारी नहीं होने से जल संकट और सीवर संकट हो सकता है।”
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने ऑडिट का आदेश देने के सरकार के फैसले का स्वागत किया।
भारती ने कहा, ”इससे बेहतर कोई बात नहीं हो सकती। यह दिल्ली सरकार की पारदर्शिता को दर्शाता है कि मुख्यमंत्री ने खुद कैग ऑडिट का आदेश देने का विकल्प चुना। यह आप सरकार और हमारे नेता अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी को साबित करता है।”
उन्होंने कहा, ”यह दिल्ली जल बोर्ड का राजनीतिकरण करने के प्रयास को भी विफल कर देगा। डीजेबी में हम सभी दिल्ली के लोगों की सेवा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन भाजपा उन मुद्दों को लाने की कोशिश कर रही है जिनका कोई महत्व नहीं है। इसलिए अब कैग ऑडिट सब कुछ स्पष्ट कर देगा।”
दिल्ली जल बोर्ड में कथित अनियमितताओं को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) में पिछले महीने से तीखी नोकझोंक जारी है। भाजपा ने डीजेबी पर अपने सीवर शोधन संयंत्रों के उन्नयन के लिए फर्जी निविदाएं जारी कर ”घोटाला” करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने बताया कि पिछले 15 साल के रिकॉर्ड का ऑडिट कराया जाएगा।
– एजेंसी