अल्कोहोलिक और नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर: क्या है फर्क और कौन सा ज्यादा खतरनाक है

फैटी लिवर दो प्रकार का होता है: एक वो जो शराब पीने से होता है, जिसे अल्कोहोलिक फैटी लिवर (AFLD) कहते हैं, और दूसरा जो खराब खानपान के कारण होता है, जिसे नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर (NAFLD) कहा जाता है। ये दोनों प्रकार की बीमारियाँ शुरुआत में सामान्य होती हैं, लेकिन अगर इलाज न किया जाए तो ये लिवर फेल्योर तक पहुंच सकती हैं। बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होता है कि शराब पीने से जो लिवर खराब हो रहा है वह ज्यादा खतरनाक है या खराब खानपान से बिगड़ा लिवर ज्यादा खतरनाक है?

डॉक्टरों के मुताबिक, जब लिवर पर फैट तय मानक से ज्यादा हो जाए तो इसे फैटी लिवर कहा जाता है। यदि इसका इलाज समय पर न किया जाए, तो दोनों ही स्थितियाँ लिवर में सूजन, निशान (फाइब्रोसिस) और यहां तक कि सिरोसिस तक पहुंच सकती हैं। सिरोसिस के बाद लिवर डैमेज हो जाता है और तब ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है।

अल्कोहोलिक फैटी लिवर (AFLD)
यह बीमारी शराब के अत्यधिक सेवन से होती है। शराब के सेवन से लिवर उसे पचाने में संघर्ष करता है, जिससे फैट बनने लगता है और लिवर की कोशिकाएं डैमेज हो जाती हैं। यदि शराब पीने की आदत जारी रहती है, तो AFLD जल्दी ही अल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस, फाइब्रोसिस, सिरोसिस और लिवर फेलियर में बदल सकता है। यह स्थिति घातक हो सकती है और मौत का कारण बन सकती है।

मुख्य जोखिम:

अत्यधिक शराब पीना

पोषण की कमी

हेपेटाइटिस बी या सी जैसे संक्रमण

नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर (NAFLD)
यह बीमारी शराब के सेवन से नहीं होती है। इसके बजाय, यह निम्न कारणों से होती है:

मोटापा

टाइप 2 मधुमेह

हाई कोलेस्ट्रॉल

कौन सा अधिक खतरनाक है?
डॉक्टरों का कहना है कि दोनों ही स्थितियाँ खतरनाक हैं। ये लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर और यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकती हैं। हालांकि, नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर के मामले अब ज्यादा बढ़ गए हैं। इस बीमारी में समस्या यह है कि इसका पता तब चलता है जब यह गंभीर हो चुका होता है। क्योंकि लोग सोचते हैं कि शराब न पीने के कारण उनका लिवर ठीक रहेगा, लेकिन ऐसा नहीं है। खराब खानपान भी लिवर को शराब के सेवन जितना ही नुकसान पहुंचा सकता है।

लिवर को स्वस्थ कैसे रखें:
शराब का सेवन सीमित करें या इससे बचें, खासकर अगर पहले से लिवर की समस्या है।

नियमित व्यायाम से स्वस्थ वजन बनाए रखें।

फलों और सब्जियों का सेवन करें।

ज्यादा मैदा खाने से बचें।

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